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पीएम मोदी की क्लास बेअसर, प्रदेश के पिछड़े 6 जिले रैंकिंग में और नीचे फिसले

गुना और सिंगरौली ने सुधारी जिले की सेहत, विदेश मंत्री के संसदीय क्षेत्र विदिशा 42 से 75 वीं रैंक में पहुंचा, राजगढ़ की सबसे खराब हालत, 15वें से फिसलकर 84वें नंबर पर आया

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PM Narendra Modi

भोपाल. प्रदेश के पिछड़े8 जिलों की सूरत बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कलेक्टरों की क्लास लगाई, केंद्रीय टीम तैनात की, लेकिन सब बेअसर रहा। इनमें ६ जिले विदिशा, राजगढ़, छतरपुर, दमोह, बड़वानी और खंडवा नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में और नीचे फिसल गए। केवल दो जिलों गुना और सिंगरौली की स्थिति में सुधार हुआ है। विधानसभा चुनाव से पहले आई यह रिपोर्ट राज्य सरकार को परेशान करने वाली है।

नीति आयोग ने पिछड़े जिलों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए छह थीम के 49 मानकों पर सर्वे कराकर मार्च में देश के 117 जिलों की पहली रिपोर्ट जारी की थी। इसमें प्रदेश के 8 जिलों को शामिल कर विकसित किए जाने का लक्ष्य दिया था। तीन महीने बाद 108 जिलों की सामने आई दूसरी सर्वे रिपोर्ट ने प्रदेश को और अधिक निराश किया है। सबसे खराब स्थिति राजगढ़ जिले की है। यह 15वें नंबर से खिसककर रैंकिंग में 84 नंबर पर पहुंच गया। स्वास्थ्य से लेकर कुपोषण, शिक्षा समेत हर मामले में पिछड़ गया। प्रदेश के इन जिलों की यह हालत तब है, जब मार्च की रिपोर्ट के बाद नीति आयोग ने अपनी निगरानी में लिया था। हर जिले केंद्र सरकार के एडीशनल व ज्वाइंट सेकेट्री इंपॉवर कमेटी के प्रभारी के रूप में तैनात किए गए थे।

विदेश मंत्री का संसदीय क्षेत्र बदतर
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र का जिला विदिशा भी सतत विकास सूचकांक में और पीछे पहुंच गया। मार्च में रैंकिंग में 42वें स्थान पर रहा। यह जिला 33 अंक गिरकर 75वें नंबर पर पहुंच गया। प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया के गृह जिले दमोह की भी सूरत नहीं बदली। वह 19वें से 24वें रैंक पर पहुंच गया।

इन्होंने सुधारी रैंक
प्रदेश के दो जिलों गुना और सिंगरौली ने तीन माह में प्रदर्शन में काफी सुधार किया है। निचले पायदान पर रहे सिंगरौली ने 99वीं रैंक से छलांग लगाकर 63वें नंबर पर आ गया। गुना की रैंक 25वीं है, जो पहले 47वें नंबर पर था।

इन मानकों पर हुआ सर्वे
नीति आयोग की ओर से डीप डाइव नाम से यह सर्वे टाटा ट्रस्ट और आइडी इनसाइट ने तीन विषयों और ६ थीम के ४९ पैरामीटर पर किया। आयोग की ओर से स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि व जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और बुनियादी अधोसंरचना के आधार पर स्कोर दिए गए। सिंगरौली को छोड़कर इन सभी थीम पर प्रदेश के शेष ७ जिले फिसड्डी रहे।

नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर पूरे जिले में काम हो रहे हैं। गांव की बात हो या शहरों की, सभी जगह स्वास्थ्य, पोषण, जल संरक्षण, कृषि को लेकर अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं।
-कर्मवीर शर्मा, कलेक्टर राजगढ़

चुनौती स्वीकार है। विदिशा अभी 75वें स्थान पर है। हमने पूरा अध्ययन कर लिया है। व्यवस्थाएं सुधारने पर पूरा फोकस है। अमले की कमी नहीं है, उसका सही उपयोग किया जाना है। हम दो-तीन माह तक रैंक की ओर नहीं, काम पर फोकस कर रहे हैं। हो सकता है रैंक और गिरे, लेकिन इसके बाद नतीजे अच्छे मिलेंगे। हम एक-एक गर्भवती माता, जन्म लेने वाले बच्चे और स्कूलों में पढऩे वाले हर बच्चे पर फोकस कर रहे हैं।
-कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, कलेक्टर विदिशा