पिछले 24 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश का मौसम शुष्क रहा। खजुराहो, नौगांव, सागर, दमोह, बैतूल, धार, खंडवा, खरगौन, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन, गुना व ग्वालियर में लू का प्रभाव रहा और टीकमगढ़ व शाजापुर में गरम रातें रहीं।
मध्यप्रदेश के सागर और उज्जैन संभाग में अधिकतम तापमान काफी बढ़ा हुआ रहा। इसमें उज्जैन संभाग के जिले विशेष रूप से ज्यादा गरम रहे। इसके अलावा जबलपुर, रीवा और शहडोल संभागों के जिलों में सामान्य से अधिक तथा शेष संभागों के जिलों में सामान्य से काफी अधिक रहा।
मध्यप्रदेश में सबसे अधिक तापमान खरगौन का रहा। यहां लगातार दूसरे दिन भी 45 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इसके अलावा मंडला में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री रहा, जो प्रदेश में सबसे ठंडा रहा।
madhya pradesh weather: खरगौन में पारा 45 पार, मार्च में चल सकती है लू
शुक्रवार को ही टूट गया था रिकार्ड
मध्यप्रदेश में मार्च अंत में ही गर्मी ने कहर बरपा दिया। मार्च माह में ही 45 डिग्री पार पहुंचकर तापमान ने कई वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया। खरगौन का तापमान 45 डिग्री पार रिकार्ड किया गया। वहीं प्रदेश के ज्यादातर जिलों का तापमान भी 40 पार हो गया। मार्च माह में ही भोपाल में पारा 40.1 डिग्री पर पहुंचने से पिछले दस सालों का रिकार्ड टूट गया है।
यह रहा हाल
इससे पहले 24 गंटों के दौरान मध्यप्रदेश का मौसम शुष्क रहा। अधिकतम तापमान सागर, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में काफी बढ़ा हुआ रहा, जबकि शेष संभागों के जिलों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। भोपाल, जबलपुर, रीवा एवं शहडोल संभागों के जिलों में सामान्य और शेष संभाग के जिलों में सामान्य से अधिक रहा।
और बढ़ेगी गर्मी
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मार्च माह खत्म होने में अभी तीन दिन बाकी है। इसके बावजूद गर्मी के तेवर ने बता दिया है कि इस बार लोगों को गर्मी अधिक झेलना पड़ेगी। मार्च माह के अंत तक मध्यप्रदेश के कई इलाकों का तापमान 45 पार होने से भी यह चिंता है कि इस बार गर्मी के तेवर कुछ ज्यादा तीखे रहने वाले हैं।
सूखने लगे भोपाल के ताल
विश्व प्रसिद्ध भोपाल तालाब भी इन दिनों सूखने लगा है। यह पहली बार नहीं है जब भोपाल ताल इतनी तेजी से सूख रहा है। इससे पहले दो बार भोपाल तालाब आधे से अधिक सूख चुका है। यही स्थिति कलियासोत डैम, केरवा और कोलार डैम की भी हो गई है। यहां का पानी भी सूख गया है। इसका खामियाजा पंछियों को भी भुगतना पड़ रहा है। दूर दराज से आने वाले पंचियों को पानी की कमी के कारण परेशान होना पड़ रहा है।