
भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में जारी किए गए एक सर्कुलर के बाद विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया गया है और अधिकतर स्टूडेंट्स कक्षाओं में वापिस लौट आए हैं। इसमें डायरेक्टर ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि ऐसे स्टूडेंट जो मिड टर्म एग्जाम देने के योग्य हैं फिर भी वे इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं तो इसका उल्टा प्रभाव उनके अकादमिक व प्लेसमेंट परफार्मेंस पर पड़ सकता है।
इसके चलते शनिवार को मैनिट में विरोध प्रदर्शन जैसी गतिविधि देखने को नहीं मिली। उधर, एचओडी से कहा गया है कि जिन छात्रों की अटेंडेंस 75 प्रतिशत से कम हैं उनकी एक्सट्रा क्लास आयोजित कराई जाएं। यह क्लास शनिवार और रविवार को भी लगाई जा सकती हैं।
मैनिट प्रशासन ने इस बार 75 प्रतिशत अटेंडेंस नहीं होने पर कई स्टूडेंट्स को मिड टर्म एग्जाम में नहीं बैठने दिया। इस पर स्टूडेंट्स ने तीखा विरोध दर्ज कराया। स्टूडेंट्स के विरोध को देखते हुए डायरेक्टर ने शुक्रवार को एक नया सर्कुलर जारी किया है जिसमें सभी विभागों के एचओडी को स्टूडेंट्स की एक्सट्रा क्लासेस लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
ताकि वे 75 प्रतिशत उपस्थिति के क्राइटेरिया को पूरा कर सकें। इसके लिए सभी एचओडी को विषय व ईयर वाइज टाइम टेबल बनाने के निर्देश दिए गए हैं। एचओडी से यह भी कहा गया है कि यदि स्टूडेंट प्रतिशत अटेंडेंस के क्राइटेरिया को पूरा करने के लिए 12 मार्च तक क्लास लगाने की अपील करते है तो मिड टर्म एग्जाम 13 व 14 मार्च को आयोजित करा सकते हैं।
75 प्रतिशत के नियम पर शुरू हुई चर्चा -
स्टूडेंट्स के विरोध प्रदर्शन के बाद 75 प्रतिशत अटेंडेंस को लेकर फैकल्टी के बीच भी एक नई चर्चा छिड़ गई है। दरअसल, यूजीसी और एआईसीटीई के नियमानुसार स्टूडेंट्स की कक्षा में नियमानुसार 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य हैं।
आमतौर पर इस नियम के अनुसार उपस्थिति की गणना एंड सेमेस्टर एग्जाम यानी मुख्य परीक्षा से पहले की जाती है। 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं होने पर स्टूडेंट को एग्जाम में शामिल करने से रोक सकते हैं। लेकिन मैनिट में यह नियम मिनी टेस्ट के बाद अब मिड-टर्म एग्जाम में भी लागू कर दिया गया है।
Published on:
10 Mar 2018 07:14 am
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