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मध्यप्रदेश में गांवोें और वहां रहनेवालों की स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन के लिए सरकार ने बड़ी कवायद की है। इसके लिए प्रदेश के 38 हजार के नक्शों में संशोधन किया गया है। मध्यप्रदेश में स्वामित्व योजना चलाई जा रही है जिसके अंतर्गत गांववालों को उनकी संपत्ति का पूर्ण हक का अभिलेख दिया जा रहा है। गांवों के निवासियों की आर्थिक स्थिति में बदलाव के लिए सरकार यह योजना चला रही है। स्वामित्व योजना में भारत सरकार की सर्वेक्षण इकाई सर्वे आफ इंडिया के सहयोग से गांवों में ड्रोन से नक्शे बनाए जा रहे हैं। इन नक्शों के आधार पर ही डोर-टू-डोर सर्वे कर अधिकार अभिलेख तैयार किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि करीब 29 हजार गांवों में यह काम पूरा भी हो चुका है।
प्रदेश में ड्रोन उड़ाकर 36 लाख अधिकार अभिलेख बनाने का लक्ष्य है। इसके साथ ही प्रदेश के 42 हजार में से 38 हजार गांवों के नक्शों में व्यापक बदलाव किया गया है। इन सभी में गांवों में नक्शों में संशोधन का काम पूरा कर लिया गया है। राजस्व विभाग के आयुक्त के अनुसार स्वामित्व योजना में प्रदेश में दिसम्बर तक क्रियान्वयन पूरा करने का लक्ष्य है।
स्वामित्व योजना को गांवों और गांवों के निवासियों के लिए क्रांतिकारी योजना बताया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह योजना गांवों के लोगों की संपत्ति को पूंजी में बदलेगी। इससे वहां व्यापक आर्थिक और सामाजिक बदलाव आने की उम्मीद है।
स्वामित्व योजना में गांवों में 2018 के पहले से रह रहे लोगों को संपत्ति के अधिकार अभिलेख दिए जा रहे हैं। इससे संपत्ति धारक अपने खसरा, प्लाट की डिजिटली प्रमाणित प्रतिलिपि के आधार पर बैंकों से कर्ज ले सकेंगे। जमीन की खरीद-बिक्री, नामांतरण, बंटवारा आदि सेवाओं का भी तत्काल लाभ ले सकेंगे।
स्वामित्व योजना - एक नजर में
— 42 हजार गांवों में से 38 हजार में नक्शों में संशोधन का काम पूरा।
— 36 लाख में से करीब 29 लाख अधिकार अभिलेखों का काम पूरा।
— 28 हजार 864 गांवों के अधिकार अभिलेख भू-अभिलेख पटल पर उपलब्ध कराए।
— 30 नवंबर तक सभी गांवों में साउंड ट्रुथिंग काम और सर्वे ऑफ इंडिया से अपडेट नक्शा प्राप्त करना।
— 15 दिसंबर तक अपडेट नक्शा की कार्यवाही पूरी करना।
Published on:
17 Nov 2024 03:57 pm
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