
मातृछाया शिशुगृह में ये हैं यशोदाएं
भोपाल. इन्होंने आज तक हर त्योहार, हर खुशी इन मासूम बच्चों के साथ मनाई है। खुद के बच्चों से ज्यादा इन्हें ये मासूम बच्चे दुलारे हैं। 57 वर्षीय लक्ष्मी श्रीवास्तव और 55 वर्षीय मीना धमगाये 1997 से मातृछाया शिशुगृह में बच्चों की देखभाल कर रही हैं। ये प्रदेश का पहला शिशुगृह है और ये पहली यशोदाएं।
लक्ष्मी श्रीवास्तव और मीना धमगाये बताती हैं, बहुत लोग कहते हैं कि कोई और काम करोगी तो अच्छा कमाओगी, लेकिन इन बच्चों से मां शब्द सुनते हैं तो उसके आगे सब कुछ फीका लगता है। लक्ष्मी कहती हैं कि हर दिन घर से निकलकर मैं दूसरे घर में ही आती हूं। मेरे खुद के बच्चों के बच्चे हो गए हैं। ये उसी तरह हैं।
आधी रात में उठकर इन बच्चों को संभालती हूं कि कहीं कोई ओढ़े बिना तो नहीं सो गया। किसी को मच्छर तो नहीं काट रहा। इनके खाने-पीने से लेकर बुखार तक हर चीज की मुझे खबर रहती है। अब इन बच्चों को मां की तरह डांटती भी हूं तो इनके आगे झुककर हर जिद भी पूरी कर देती हूं।
पहली बार जब सुबह चार बजे रोने की आवाज आई तो समझ नहीं आया। लेकिन अब तुरंत समझ जाते हैं कि कोई मां अपनी संतान को छोड़ कर गई है। इतने सालों में कई बच्चे आए और गए। हमेशा कोशिश रहती है कि इन्हें एक अच्छी मां मिल जाए जो खूब प्यार दे।
मां को ऐसे दें खुशियां
आज 14 मई है, मदर्स डे। वैसे तो दुनिया में मां से बड़ा कोई गिफ्ट नहीं होता, लेकिन आप आज मां को उनकी पसंद का गिफ्ट देकर उन्हें अच्छा महसूस करा सकते हैं। इस खुशी के मौके पर कुछ ऐसे तोहफे दिए जा सकते हैं, जिसे मां जब भी देखे तो उन्हें प्यार का एहसास हो। इसके लिए कई हैंडमेड और मशीनों से तैयार तोहफे मार्केट में उपलब्ध हैं। इसके साथ ही आप आर्गेनिक और डिफरेंट फ्लेवर की चॉकलेट, केक या ब्राउनी के साथ उनकी पसंदीदा मिठाई भी मां को गिफ्ट कर सकते हैं।
Published on:
14 May 2023 09:22 am
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