5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

उम्र का आखिरी पड़ाव, इलाज के साथ घर जैसा सुकून

अब गंभीर बीमारियों से परेशान मरीजों को मिलेगी पैलिएटिव केयर की सुविधा एम्स में प्रदेश के डॉक्टर्स को दी गई ट्रेनिंग, इसके लिए जिला अस्पतालों में रिजर्व होंगे चार बेड  

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shakeel Khan

Sep 09, 2021

jp hospital

jp hospital bhopal

भोपाल. गंभीर और लाइलाज बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को उम्र के आखिरी पड़ाव में दर्द से राहत देने के लिए अब जिला अस्पतालों में इलाज के साथ घर जैसा सुकुन भी मिलेगा। इसके लिए अस्पतालों में विशेष पैलिएटिव केयर यूनिट तैयार की जाएंगी जहां गंभीर बीमार और शारीरिक रूप से दुर्बल मरीजों की विशेष और घर जैसी देखभाल हो सकेगी। इसके लिए डॉक्टर को बतौर नोडल ऑफीसर और एक स्टाफ नर्स को ट्रेनिंग दी गई है।


पैलिएटिव केयर में मरीज की कैंसर के अंतिम चरण जहां इलाज भी खत्म हो जाता है, वहां कई बार मरीजों के असहनीय दर्द सहना पड़ता है। ऐसे में अस्पताल छोड़ अपने परिजनों के साथ रहने की बात करता है। ऐसे में अब अस्पतालों में ऐसे मरीजों का दर्द दूर कर उन्हें घर जैसा आराम और सुविधाएं दी जाएंगी ताकि उनका अंतिम समय कष्टदायक ना हो। रोगी की परेशानी के आधार पर उसकी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक समस्याओं का हल निकाला जाता है। पैलिएटिव केयर टीम के साथ परिवार और समाज के अन्य लोगों का व्यवहार रोगी के कष्ट को दूर करने में अहम भूमिका निभाता है।

इन बीमारियों में है मददगार
पैलिएटिव केयर कैंसर, एड्स, हृदय, गुदाज़् फेल या कोमा के मरीजों में अधिक अपनायी जाती है। कुछ रोगियों में उनकी देखरेख के साथ दवाएं भी चलती हैं। ये प्रक्रिया रोगी के घर पर, अस्पताल, हॉसपाइस सेंटर पर पूरी की जा सकती हैं।

डॉक्टरों का पैनल करता है निगरानी
असहनीय पीड़ा से गुजर रहे रोगी की देखभाल के लिए नर्सिंग स्टाफ 24 घंटे उसकी सेवा में रहता है। मनोचिकित्सक, योग विशेषज्ञ, डायटीशियन, धामिज़्क गुरु, कलाकारों की टीम रोगी के जीवन को सरल और पीड़ा को कम करने का काम करती है।

--------------

जीवन को दर्द रहित बनाने में मददगार

पैलिएटिव केयर गंभीर बीमार मरीजों और विशेषकर शारीरिक रूप से कमजोर मरीजों के शेष जीवन को दर्द रहित बनाने में मददगार होता है। इसके लिए जिला अस्पताल में कुछ बेड रिजर्व कर एक डॉक्टर और स्टाफ नर्स को प्रशिक्षित किया गया है।
डॉ.पंकज शुक्ला,
संचालक, नेशनल हेल्थ मिशन