
भोपाल. आधुनिक जीवनशैली में बढ़ते मोबाइल और डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक इस्तेमाल शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभाव डाल रहा है। युवा पीढ़ी इसके चुंगल में फंसती जा रही है। इसके लिए बुधवार को सुख शांति भवन नीलबड़ में आयुर्वेद के विद्यार्थियों डिजिटल डिटॉक्स पर एक जागरुकता सत्र का आयोजन किया गया। इसमें 70 से अधिक स्टूडेंट ने भाग लिया। विशेषज्ञों द्वारा समझाया गया कि किस प्रकार सीमित और सजग डिजिटल उपयोग से एकाग्रता, स्मरण शक्ति और मानसिक संतुलन को बेहतर बना सकते हैं, साथ ही डिजिटल आदतों में सकारात्मक और व्यवहारिक बदलाव के लिए उपाय भी बताए गए।
मोबाइल हमे चला रहा है
सत्र के दौरान विशेषज्ञों ने 'डिजिटल डिटॉक्स' विषय पर विस्तार से चर्चा की। विशेषज्ञों ने बताया कि मोबाइल उन्हें चला रहा है, न कि वे मोबाइल को चला रहे हैं। किस तरह इसका कम से कम इस्तेमाल कर हम बेहतर बना सकते हैं। बीके भारती ने विद्यार्थियों से नशा मुक्त जीवन, संतुलित डिजिटल उपयोग, स्वस्थ दिनचर्या एवं नियमित ध्यान अभ्यास से संबंधित प्रतिज्ञाएं भी कराई गईं। बीके डॉ प्रियंका ने नशे और मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल होने वाले विकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बीके खुशी द्वारा संवादात्मक गतिविधियां कराई गईं। विद्यार्थियों ने आत्ममंथन किया और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लिया।
राजयोग, मेडिटेशन सत्र
कार्यक्रम के दौरान गाइडेड मेडिटेशन भी कराया गया। वरिष्ठ राजयोगी बीके हेमा ने इसकी वैज्ञानिक पद्धति पर प्रकाश डाला और इसके महत्व के बारे में बताया। संतुलित डिजिटल व्यवहार और स्वस्थ दिनचर्या अपनाने की शपथ दिलाई।
Published on:
25 Dec 2025 12:07 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
