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मेट्रो ट्रेन…तीन माह में दस फीसदी भी काम नहीं बढ़ा, ऐसी ही गति रही तो कमर्शियल रन 2025 में ही होगा

भोपाल. मेट्रो ट्रेन की रफ्तार प्रतिमाह तीन फीसदी रह गई है। जून 2024 तक कमर्शियल रन यानि आम यात्रियों के साथ चलने के लिए 40 फीसदी से ज्यादा काम पूरा करना है। यदि माह में तीन प्रतिशत की दर से काम चला तो बचा हुआ 40 फीसदी काम पूरा करने कम से कम 12 से 15 माह का समय लगेगा। यानि 2025 की पहली तिमाही में ही कमर्शियल रन की स्थिति बन पाएगी।

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भोपाल. मेट्रो ट्रेन की रफ्तार प्रतिमाह तीन फीसदी रह गई है। जून 2024 तक कमर्शियल रन यानि आम यात्रियों के साथ चलने के लिए 40 फीसदी से ज्यादा काम पूरा करना है। यदि माह में तीन प्रतिशत की दर से काम चला तो बचा हुआ 40 फीसदी काम पूरा करने कम से कम 12 से 15 माह का समय लगेगा। यानि 2025 की पहली तिमाही में ही कमर्शियल रन की स्थिति बन पाएगी।

700 करोड़ रुपए ठेकेदारों के बकाया
- मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के ठेकेदारा अब काम में रूचि नहीं ले रहे। तत्कालीन एमडी मनीषसिंह ने ट्रायल रन के लिए दोगुने मजदूरों को काम पर लगावाया था, लेकिन अब 20 प्रतिशत मजदूर भी काम नहीं कर रहे हैं। इस समय पूरे प्रोजेक्ट में बमुश्किल 100 से 150 मजदूर काम कर रहे हैं, जबकि इनकी संख्या 600 से 700 के बीच रहती है। ट्रायल रन के पहले 1000 से 1100 मजदूरों को काम पर लगाया हुआ था।

तीन माह में सेंटिंग ही नहीं हटी
- काम की धीमी गति की स्थिति रानी कमलापति से सुभाषब्रिज तक के मेट्रो स्टेशन पर देखी जा सकती है। अक्टूबर 2023 के पहले इन स्टेशनों को पूरी तरह से तैयार होने की घोषणा की जा चुकी थी। दावा था कि सिर्फ कुछ इंटीरियर काम बचा है, लेकिन मौजूदा स्थिति में इनके अंदर और बाहर की सेंटिंग ही नहीं हट पाई। 50 फीसदी निर्माण में ही यहां मेट्रो का ट्रायल करवा दिया गया था।

ये काम तो बढ़े ही नहीं
- गणेश मंदिर रेलवे लाइन मेट्रो ब्रिज पूरा बाकी है। छह माह से इसके दो माह में पूरा होने के दावे किए जा रहे, अब भी यहां 80 फीसदी काम बाकी है।
- साकेत नगर से एम्स तक तीन मेट्रो स्टेशन बनने हैं। सिर्फ दीवारें बनी है। 70 फीसदी काम इनका बाकी है।
- स्टेशन की एप्रोच का काम शुरू ही नहीं हुआ।

एक माह में रैक आने लगेंगे, डिपो तैयार नहीं
- सारणी प्लांट से मेट्रो ट्रेन के रैक भोपाल पहुंचने लगेंगे। कुल 27 ट्रेन पहुंचना है। अभी महज एक ही रैक पहुंच पाया है। स्थिति ये हैं कि रैक रखने के लिए मेट्रो डिपो ही तैयार नहीं है। रैक के लिए लाइन बनाने का काम ही नहीं हुआ है। ऐसे में रैक सिर्फ शो-पीस बनकर न रह जाए।

इनका कहना
मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट की गति को बनाए रखकर टाइमलाइन के अनुसार काम पूरा हो तो ही लाभ मिलेगा। यदि बिना प्लानिंग काम हुआ तो फिर प्रोजेक्ट देरी का शिकार होगा।
- रोहित गुप्ता, एक्सपर्ट मेट्रो प्रोजेक्ट