
भोपाल. प्रदेश के 200 से अधिक छात्रों का मध्याह भोजन तैयार करने वाले 2549 स्कूलों में बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। खाना पकाने पारम्परिक ईंधनों पर निर्भरता कम करने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2021-22 में 9500 बायोगैस संयंत्र लगाने का लक्ष्य निर्धाता किया गया है।
आवश्यकता एवं मांग के अनुसार सामुदायिक, सामूहिक एवं व्यक्तिगत बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। खाना पकाने रसोई को स्वच्छ व धुआं-रहित बनाने प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में गैल्बनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो एग्रो रिसोर्सेस (गोबर धन) परियोजना के तहत बायोगैस संयंत्र निर्माण किया जा रहा है।
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कोविड के दौरान विद्यालय बंद थे। इसलिए प्रत्येक जिले में कम से कम एक गौशाला में तथा 5 से 10 घरों के बीच 20 से 25 सामूहिक बायोगैस संयंत्र लगाए जा रहे हैं। बायोगैस संयंत्रों को बढ़ावा देने के लिए जन- भागीदारी एवं सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इस कार्य में शासकीय एजेंसी के रूप में ऊर्जा विकास निगम तथा एमपी एग्रो से सहयोग लिया जा रहा है।
आरटीई में बच्चों के प्रवेश की दूसरी लॉटरी 14 को
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के अन्तर्गत सत्र 2021-22 में नि:शुल्क प्रवेश की प्रथम चरण की प्रवेश प्रक्रिया उपरांत गैरअनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में शेष रिक्त सीटों पर द्वितीय चरण की प्रवेश प्रक्रिया 4 अगस्त से प्रारंभ हो रही है। संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस ने बताया कि पंजीकृत आवेदक 4 से 11 अगस्त तक स्कूल की च्वाइस को अपडेट कर सकेंगे। ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से 14 अगस्त को स्कूल का आवंटन किया जाएगा। आवंटित स्कूल में16 से 25 अगस्त 2021 तक बच्चे प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे। संबंधित स्कूल को 25 अगस्त तक एडमिशन रिपोर्टिंग देनी होगी। इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर और परियोजना समन्वयकों को निर्देश जारी किए गये है।
Updated on:
06 Aug 2021 12:40 pm
Published on:
06 Aug 2021 12:14 pm
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