scriptमंत्री पर थी बुंदेलखंड के विकास की जिम्मेदारी, खुद के क्षेत्र में कुपोषण | Minister was responsible for the development of Bundelkhand, malnutri | Patrika News

मंत्री पर थी बुंदेलखंड के विकास की जिम्मेदारी, खुद के क्षेत्र में कुपोषण

locationभोपालPublished: Mar 04, 2019 09:28:37 pm

Submitted by:

anil chaudhary

टीकमगढ़ लोकसभा सीट ग्राउंड रिपोर्ट
 

लोकसभा चुनाव 2019

लोकसभा चुनाव 2019

टीकमगढ़. महिला बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक टीकमगढ़ से सांसद हैं। उन पर बुंदेलखंड के विकास की जिम्मेदारी थी, लेकिन उनके क्षेत्र में कुपोषण आज भी बड़ी चुनौती है। गरीबी और पलायन भी बड़ी समस्या है। खटीक इनमें से कुछ बदल नहीं पाए। पूर्व की यूपीए सरकार ने बुंदेलखंड के विकास के लिए विशेष पैकेज दिया था। एनडीए सरकार ने किसी परियोजना की मंजूरी नहीं दी। उद्योग धंधे नहीं लगे। इससे स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो गई। फसल कटाई के सीजन में गांव के गांव पलायन कर हाते हैं।
छह बार के सांसद खटीक का बुंदेलखंड की राजनीति में 22 साल से दबदबा है। वे सागर से चार बार जीते। सीट आरक्षित होने के बाद 2009 और 2014 में टीकमगढ़ से सांसद चुने गए। 2017 में मंत्री बनाए गए तो क्षेत्र और बुंदेलखंड को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन उन्हें निराशा मिली। हाल के विधानसभा चुनाव में वोटों का गणित बिगड़ा और भाजपा छह से चार सीट पर आ गई। तीन सीटें कांग्रेस और एक समाजवादी पार्टी के खाते में गई। खटीक 2014 के लोकसभा चुनाव में दो लाख से अधिक मतों से जीते थे। हाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के जीते प्रत्याशी के वोट को मिला दें तो मामला बराबरी का हो गया है।
– तीसरी ताकत की चुनौती
लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने कांग्रेस के साथ तीसरी ताकत भी बड़ी चुनौती होगी। प्रदेश में पहली बार बसपा ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है। बसपा जो तीन सीटें सपा को देने वाली है, उनमें टीकमगढ़ भी शामिल है। इस सीट में शामिल टीकमगढ़ जिले के पांचों विधानसभा क्षेत्र और छतरपुर जिले के छतरपुर, महाराजपुर और बिजावर में बसपा और सपा का अच्छा आधार है। ऐसे में भाजपा और खटीक की मुश्किलें बढऩे वाली हैं।
– रेल सेवा और एनटीपीसी का वादा रहा अधूरा
खटीक ने रेल सेवा और छतरपुर में एनटीपीसी का प्लांट लगवाने का वादा किया था। वे ये दोनों बड़े वादे पूरे नहीं करा पाए। बेरोजगारी दूर करने का वादा भी हवा हो गया। 17 वर्ष के इंतजार के बाद टीकमगढ़-छतरपुर में ट्रेन आई, लेकिन उसका श्रेय उमा भारती ने लिया। दोनों जिलों के लोगों ने भोपाल तक जोडऩे की मांग की तो महामना एक्सप्रेस आई, जिसके समय के कारण जनता आज भी फायदा नहीं ले पा रही है। संचालन समय बदलने की मांग पूरी नहीं हो पाई। क्षेत्र में रोजगार के लिए कोई उद्योग धंधे न होने को लेकर लगातार घोषणा की जाती रही, लेकिन पलायन आज भी जारी है। आलम यह है कि सांसद के गोद लिए गांव गोर के हालात बदतर हैं।
– विवाहघरों पर दिया ध्यान
सांसद निधि से सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों में 12-12 लाख रुपए से विवाह घर बनाए गए हैं। उन पर आरोप लगते रहे हैं कि उनका ध्यान छतरपुर जिले की विधानसभा सीटों पर अधिक रहता है। उन्होंने गल्र्स स्कूलों में 68 शौचालय बनाए हैं। सांसद ने पहली बार ग्राम पंचायतों को ट्रैक्टर-ट्रॉली और टैंकर दिए गए हंै। सांसद निधि से क्षेत्र में निर्माण कार्यों को तवज्जो दी गई है।
– सदन में रहे सक्रिय
संसद में सवाल पूछने के मामले में हाल ही किए गए एक सर्वे में खटीक देश में चौथे स्थान पर रहे थे। बालश्रम में पीएचडी हासिल करने वाले खटीक मंत्री बनने के पहले तक लोकसभा में 354 प्रश्न पूछे। 195 बहस में हिस्सा लिया। इसके साथ ही उनके द्वारा प्राइवेट बिल बालश्रम को लेकर पेश किया गया। सदन में उपस्थिति करीब 96 प्रतिशत रही है। गांवों में चौपालों के आयोजन और सादगी की छवि उनकी बड़ी पूंजी है।
सादगी वाले नेता का मंत्री बनने का पता चला तो खुशी हुई थी कि वे चौपाल से आगे निकलकर क्षेत्र का समुचित विकास करेंगे। जिस विभाग के वे मंत्री हैं, उसी क्षेत्र में हालात खराब हैं।
– अशोक चौबे, टीकमगढ़
अपेक्षित विकास न होना और कोई बड़ी योजना न आ पाना ये दर्शाता है कि हमारे सांसद की केंद्र के मंत्रियों से ट्यूनिंग नहीं है। काम करवाए भी तो विधायक स्तर के। कृषि आधारित सूखे से जूझते बुंदेलखंड में कोई बड़ा उद्योग स्थापित होने या काम शुरू होने से आने वाले समय में लोगों की जिंदगी और क्षेत्र के विकास में जरूर फर्क पड़ता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
निशा गुप्ता, छतरपुर
चुनाव आने वाले हैं तो खजुराहो-इंदौर एक्सप्रेस का झुनझुना सुनाई दे रहा है। मीडिया से पता चला कि यह ट्रेन फरवरी से चलनी है, लेकिन रेलवे अफसरों की तैयारी ही नहीं है।
– नवाब खान, टीकमगढ़
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