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मंत्रालय के अफसरों को कब्ज के इलाज और मानसिक काउंसलिंग की जरूरत

locationभोपालPublished: Sep 08, 2021 09:18:19 am

Submitted by:

Hitendra Sharma

अफसरों के रवैये से नाराज डॉक्टर्स ने कहा पत्नियों से लड़कर वल्लभ भवन के कुछ अफसरों को हुआ कब्ज, इलाज करे सरकार।

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भोपाल. सतपुड़ा और वलल्‍लभ भवन के कुछ अफसर पत्नियों से लड़कर आते हैं, जिससे उन्हें कब्ज हो जाता है, जिससे वे पूरे दिन अतार्कित निर्णय लेते रहते हैं। ये कहना है सागर के मेडिकल टीचर्स का। विभागीय अधिकारियों के रवैये से पीड़ित चिकित्सा शिक्षकों ने पत्र में पीड़ा जताने के साथ ही अफसरों पर कटाक्ष किया है। ये पत्र सोशल मीडिया में वायरल है।

सागर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षा संघ के अध्यक्ष डॉ. सर्वेश जैन और सचिव डॉ. शैलेन्द्र पटेल का प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन को लिखे पत्र में संबंधित अफसरों को मनोवैज्ञानिक संलाह के साथ ही कब्जियत दूर करने वाली दवाइयां दिए जाने की सलाह भी है। लिखा है कि कुछ अफसरों की मानसिक काउंसिलिंग की जाए और उन्हें केरमाफिन सिरप जो पेट साफ करने बाली दवा है, दी जाए।

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साथ ही नाराज डॉक्टर्स ने कहा है कि दवा की व्यवस्था नहीं होती है, तो समस्त शिक्षक ईमेल और व्हादसऐप पर मोटिवेशलन वीडियो उन अफसरों को भेजें। यह भी कहा कि उक्त दवा नहीं मिलने पर डूपालेक्स और पेटसफा दबा भी दे सकते हैं।

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दरअसल, चिकित्सा शिक्षक लंबे समय से सातवें वेतनमान की मांग कर रहे हैं। सभी विभागों को 2016 से 7वां बेतनमान दिया गया, लेकिन विभाग के पूर्व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने चिकित्सा शिक्षकों को यह 2018 से देने का निर्णय लिया गया। पत्र में कहा गया है कि जब चिकित्सा शिक्षक इस मुद्दे पर उनसे मिले तो पूर्वबर्ती एसीएस ने कहा कि डॉक्टर साहब सस्पेंड नहीं करूंगा, सीधा मेडिकल रजिस्ट्रेशन कैंसल करूंगा, प्रेक्टिस के लायक नहीं छोड़ूंगा।

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