
भोपाल. सरकारी योजनाओं में समन्वय का अभाव और बजट ठिकाने लगाने की जल्दबाजी में भवन बना दिए गए, लेकिन वर्षों बाद भी इनका उपयोग नहीं हो पा रहा। इससे जनता के धन का दुुरुपयोग तो हुआ ही, वहीं खाली भवन खंडहर बन गए। कई विभाग किराए के भवन में चल रहे हैं, कई जगह स्टाफ को कम जगह में काम चलाना पड़ रहा है। ज्यादातर भवन खंडहर बन रहे हैं, इन्हें समय रहते काम नहीं लिया गया तो बिना उपयोग जनता का धन बर्बाद होगा। इन जिलों में जब पत्रिका ने संबंधित जिला कलेक्टर से बात की तो उन्होंने जिले में इस तरह भवन बेकार पड़े होने से अनभिज्ञता जताई। आइये इन तीन उदाहरण से समझते हैं सरकारी भवन बनाने में कैसी कैसी लापरवाही बरती जा रही हैं।
राजगढ़: 2.77 करोड़ का आरटीओ भवन, एक दिन भी नहीं लगा कार्यालय
मध्यप्रदेश परिवहन विभाग ने करीब सात साल पहले Rajgarh RTO कार्यालय के लिए एक भवन स्वीकृत किया। 2.77 करोड़ रुपए की लागत के इस भवन के 7 साल पहले टेंडर हुए और 2 साल में बनकर तैयार हो गया। इस भवन के निर्माण के दौरान ही रेलवे ने आपत्ति दर्ज कर दी, कि इस जमीन पर जमीन का वे पहले ही अधिग्रहण कर चुके हैं। ऐसे में करीब चार साल से यह भवन खाली पड़ा हुआ ही खंडहर हो गया। राजगढ़ में अभी तक रेल लाइन ही नहीं है, यह भूमि भविष्य के लिए चिह्नित की है।
अब क्या कह रहे जिम्मेदार....
जमीन रेलवे ने अधिगृहीत कर ली, तैयार भवन का हमने हैंडओवर नहीं लिया। रेलवे की ड्राइंग भी तैयार नहीं हुई। हम भवन पर फिर चर्चा करेंगे। हमें दे दिया जाए तो स्टेडियम की दुकानों में संचालित कार्यालय यहां शिफ्ट कर सकते हैं। इसमें वहां से ज्यादा जगह भी होगी और सारी शाखाएं एक साथ लग सकेंगी।
एचएस सिंह, आरटीओ राजगढ़
विदिशा : vidisha registrar Office का बजट कम पड़ा, अब भी पुराने भवन में कार्यालय
विदिशा में जिला पंजीयक कार्यालय भवन का 2011 में भूमिपूजन हुआ। पंजीयन विभाग ने तब भवन की लागत 56 लाख तय की गई। निर्माण में देरी होती गई और करीब एक करोड़ खर्च होकर भी अंदर की फिनिशिंग बाकी रही। इसके बाद अब करीब सात साल से देखरेख के अभाव में खंडहर हो रहा है। वहीं वर्तमान में चल रहे जिला पंजीयन कार्यालय में जगह की कमी है और पुराना होने से जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है।
जिम्मेदारों का यह जवाब
लोक निर्माण विभाग ने 74 लाख की तय राशि में काम पूरा नहीं किया। बजट की कमी और ठेकेदार की लेटलतीफी से भवन की फिनिशिंग नहीं हो पाई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने समय बाद भी हमें हमारा भवन नहीं मिल पाया और हम पुराने भवन में काम चला रहे हैं।
क्षिप्रा सेन, जिला पंजीयक विदिशा
नर्मदापुरम: सीएम से कराया उद्घाटन, एक दिन भी नहीं खुल पाई मिट्टी प्रयोगशाला
जिले के सभी ब्लॉकों में मृदा परीक्षण केंद्र खोलने के लिए राज्य सरकार के बजट से भवन बनवाए गए। इसके लिए पिपरिया में कृषि उपज मंडी के बाहर 2018 में मंडी बोर्ड ने मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण कराया। जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका उद्घाटन भी कर दिया। 4 साल बाद भी इन भवनों में लैब नहीं खुल पाई। इसी तरह सिवनी मालवा में कृषि उपज मंडी बनापुरा सहित जिले में ऐसी और भी प्रयोगशाला के लिए भवन खाली पड़े हैं।
अब यह सफाई दे रहा विभाग
जिले के सभी ब्लॉकों में मृदा परीक्षण केंद्र के लिए भवन बनाए गए हैं। संचालन के लिए स्टॉफ की नियुक्ति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। मशीनरी और अन्य सामान आ चुका है। उम्मीद है कि 1 जून से मृदा परीक्षण केंद्रों में कामकाज शुरू हो पाए ।
-जेआर हेडाऊ, कृषि उप संचालक नर्मदापुरम
Published on:
30 Apr 2022 07:27 pm
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