
भोपाल. प्रदेश के विधायक अब हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा देंगे। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बुधवार को संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने यह संकल्प पेश किया। इसके तहत विधायकों को 30 जून तक विधानसभा के प्रमुख सचिव को संपत्ति का ब्योरा देना होगा। सचिवालय यह जानकारी वेबसाइट पर सार्वजनिक करेगा। हालांकि भाजपा ने सुझाव दिया कि संपत्ति के ब्योरे को सार्वजनिक करने का संकल्प लाने के बजाय विधेयक पेश किया जाना था। इसमें सजा का प्रावधान भी होना था।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि यदि वास्तव में सरकार की इच्छाशक्ति है तो इसे विधेयक के तौर पर पेश करना चाहिए। जनप्रतिनिधि सेवा के लिए आते हैं, न कि कमाई कर अपनी गरीबी दूर करने के लिए। इसलिए प्रॉपर्टी पेश करने के लिए सख्त कानून बनना चाहिए। इसका उल्लंघन करने वालों को आजीवन जेल की सजा का प्रावधान भी होना चाहिए।
भाजपा सदस्य विश्वास सारंग ने कहा कि यदि कोई गलत जानकारी पेश कर दे तो क्या होगा, इसलिए सजा का प्रावधान जरूरी है। अजय विश्नोई इससे एक कदम आगे यह भी कहा कि इसमें सिर्फ विधायक ही क्यों इसमें बांधा जाए, अधिकारियों के लिए भी यह अनिवार्य हो। मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि हम जनता के सेवक हैं। अपनी गरीबी दूर करने के लिए विधायक नहीं बने हैं। उन्होंने कहा कि कई ऐसे विधायक हैं, जो पहले टूटी साइकिल पर घूमते थे। आज बड़ी-बड़ी गाडिय़ों में घूमते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा थी कि इसके लिए कानून बनाया जाए। इसके लिए सभी राज्यों से जानकारी जुटाई, लेकिन कहीं कानून नहीं मिला। सभी राज्यों में संकल्प है। दण्ड का प्रावधान कहीं नहीं होने के कारण हमें भी संकल्प ही पेश करना पड़ा। सभी सदस्यों का सुझाव है तो मुख्यमंत्री से चर्चा कर इसके लिए कानून बनाने पर भी विचार करेंगे।
- आप लोग अपने आप को बांध रहे हो - स्पीकर
विधायकों के सुझाव पर स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि आप लोग सोच लें क्योंकि आप आपको बांधने जा रहे हैं। इसमें अन्य लोगों के मामले में बहस क्यों हो करते हो। लोकतंत्र के अन्य स्तंभों को इस बंधन में बांधने के बजाय इसे उनके विवेक पर छोड़ देना चाहिए।
- यह प्रावधान है संकल्प में
संकल्प के मुताबिक विधायकों को स्वयं एवं आश्रित प्रत्येक सदस्य की प्रोपर्टी का विवरण, चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित करवाकर विधानसभा के प्रमुख सचिव को देना होगा। प्रोपर्टी का ब्यौरा चुनाव आयोग को प्रस्तुत प्रोफार्मा में ही देना होगा।
- अन्य राज्यों में ऐसा है प्रावधान
उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, तामिलनाडु राज्य में भी इसी प्रकार का संकल्प है। कर्नाटक राज्य में लोकायुक्त को प्रोपर्टी का ब्यौरा पेश करते हैं। इसे समाचार पत्र में प्रकाशित करवाया जाता है।

Published on:
19 Dec 2019 05:23 am
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