
Mohan Government Break on the Jan Seva Mitra Yojana started in Shivraj Government in MP
MP Government: तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के कार्यकाल में शुरू किया गया मुख्यमंत्री यूथ इंटर्नशिप फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम (CM Youth Internship For Professional Development Program) के तहत की जा रही जन सेवा मित्रों (Jan seva mitra Yojana) की नियुक्ति पर मोहन सरकार ने अब ब्रेक लगा दिया है। चयनित किए जन सेवा मित्रों की इंटर्नशिप वाली स्कीम अब बंद कर दी गई है। वहीं नए चयन पर भी रोक लगा दी गई है। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार (MP Government) ने मुख्यमंत्री जन सेवकों को दोबारा नियुक्ति देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि इसके तहत अभी तक प्रदेश में प्रशासन और जनता के बीच सेतु का काम करने 9390 जन सेवा मित्र नियुक्त किए गए थे।
विधानसभा में विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी के सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने बताया है कि फरवरी 2023 में 4695 इन्टर्न (Jan Seva Mitra Yojana) और अगस्त 2023 में 4695 नवीन (जन सेवा मित्रों) को कौशल विकास के लिए इन्टर्नशिप प्रदान की गई थी। प्रोग्राम के अंतर्गत फरवरी 2023 में चयनित 4695 इन्टर्न (जन सेवा मित्र) को 4 फरवरी 2023 से 3 अगस्त 2023 तक इन्टर्नशिप प्रदान की गई थी।
बूट कैंप-1 में की गई तत्कालीन सीएम की घोषणा के अनुसार कार्य मूल्यांकन के बाद पात्र पाए गए 4401 जन सेवा मित्रों की इंटर्नशिप अवधि आगामी 6 माह और बढ़ाई गई थी। अगस्त 2023 में 4695 नवीन जन सेवा मित्रों को इन्टर्नशिप अगस्त 2023 से जनवरी 2024 तक प्रदान की गई थी। यह इंटर्नशिप प्रदान की गई अधिकतम संया है। जन सेवा मित्र के लिए पूर्व संचालित स्कीम की अवधि जनवरी 2024 में समाप्त हो चुकी है। इसलिए जन सेवकों को पुन: नियुक्ति पर रखने के लिए किसी पॉलिसी पर विचार करने का प्रश्न ही नहीं है।
मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र योजना, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 15 अगस्त 2023 को शुरू की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना और युवाओं को रोजगार अवसर प्रदान करना था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना का ऐलान किया, जिसके तहत दो चरणों में 9 हजार 390 जन सेवा मित्रों की नियुक्ति की गई थी।
इस योजना के तहत नियुक्त जनसेवा मित्र गांव-गांव जाकर सरकारी योजनाओं के लिए फॉर्म भरवाने और जागरुकता फैलाने का काम करते थे। इन जनसेवा मित्रों को प्रति माह लगभग 8,000 रुपये वेतन दिया जाता था। सरकार का लक्ष्य हर 50 परिवारों के लिए एक जनसेवा मित्र नियुक्त करना था, ताकि वे स्थानीय स्तर पर लोगों की समस्याओं का समाधान करा सकें और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें। लेकिन मौजूदा सरकार (Mohan Sarkar) ने इस योजना पर ब्रेक लगा दिया है।
Updated on:
26 Mar 2025 10:27 am
Published on:
24 Mar 2025 03:39 pm
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