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मध्यप्रदेश के दक्षिणी हिस्सों पर मानसून की ज्यादा मेहरबानी

बारिश की खेंच से किसान परेशान, नए सिस्टम से राहत की उम्मीद

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Monsoon again active

शनिवार को इंदौर में तेज बौछारें पड़ीं।

भोपाल. बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात रविवार को एक कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो जाएगा। इसके असर से प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में अच्छी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने जबलपुर, होशंगाबाद, इंदौर संभाग के कुछ हिस्सों में बारिश का अनुमान है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान सिस्टम आंध्रप्रदेश और दक्षिणी ओडिशा में बन रहा है। इस इलाके में बनने वाले सिस्टम से सबसे ज्यादा बरसात दक्षिणी हिस्सों में होती है। इसके चलते दक्षिणी हिस्सों सहित महाराष्ट्र से सटे हिस्सों पर जोर रहेगा। एक कम दबाव का क्षेत्र रविवार को बंगाल की खाड़ी में बन रहा है। पूर्वी और पश्चिमी हवाओं का टकराव 20 डिग्री पर हो रहा है। इससे अच्छी बारिश मिलती है।

जारी हैं बारिश की बौछारें
शुक्रवार सुबह से शनिवार सुबह तक 24 घंटे में सीधी में 22.6, सिवनी में 21.4, सागर में 15 में, छिंदवाड़ा में 12.6, जबलपुर में 7.8, होशंगाबाद में 5.6, रीवा में 4.6, नौगांव में 2.2 तो दमोह में एक मिमी बरसात हुई। इसके बाद शनिवार सुबह से दिन में भी कुछ हिस्सों में बौछारें पड़ी और इस दौरान भोपाल में 23.9, धार में पांच, छिंदवाड़ा में चार, मंडला में दो, इंदौर में 2.6 मिमी बारिश दर्ज हुई और गुना में बारिश टे्रस की गई।

बारिश की आस में मुरझाने लगे पौधे
मध्यप्रदेश में समय से मानसून आने के साथ ही खरीफ फसल की ज्यादातर बोवनी हो चुकी है। कुल 77 लाख 89 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी हुई है। इसमें से 70 प्रतिशत फसलों के पौधे बड़े होने लगे हैं, लेकिन अब मानसून की बेरुखी से ये पौधे मुरझाने लगे हैं। कृषि विभाग के मुताबिक, मानसून की फिर से सक्रियता के कारण खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आने की उम्मीद है। धान, दलहन और अन्य खरीफ फसलों के रोपाई के लिए जुलाई की बारिश काफी अहम है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 1 जून से 7 जुलाई के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य से कम था।