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MP AIIMS- एआइ के जरिए चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने की दिशा में कदम

- एम्स में ई-आइसीयू सिस्टम जल्द, मरीज पर रहेगी 24*7 नजर- गंभीर रोगियों की खास सॉफ्टवेयर से होगी रियल टाइम मॉनिटरिंग

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भोपाल। एम्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के जरिए डॉक्टर गंभीर मरीजों पर 24*7 नजर रख सकेंगे। इसके लिए ई-आइसीयू सुविधा शुरू होने जा रही है। इस सिस्टम से मरीजों के बीपी, हार्टबीट, ऑक्सीजन समेत अन्य पैरामीटर रियल टाइम में उपलब्ध होंगे। डॉक्टर एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से इसे देखकर वीडियो कंसल्टेशन भी दे सकेंगे। डॉक्टरों के अनुसार केंद्र सरकार लगातार टेलीमेडिसिन को बढ़ावा दे रही है। इसी को ध्यान में रखकर ये सुविधाएं शुरू की गई हैं। इसको सफल बनाने में 5जी का भी खासा योगदान रहेगा।

साल के अंत तक होगा शुरू
अस्पताल प्रबंधन की मानें तो इसकी शुरुआत इस साल के अंत तक हो सकती है। एम्स प्रदेश का पहला अस्पताल होगा, जहां गंभीर मरीजों की देखभाल के लिए इस तरह की सुविधा दी जाएगी।

यही नहीं परिजन आइसीयू में गए बिना भी मरीजों का हाल जान सकेंगे। इसके लिए कॉल सेंटर पर भी विचार किया जा रहा है।

ऐसे होगा सेटअप
इसके लिए एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इसमें एम्स भोपाल का रिसोर्स सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं इससे जुड़े डॉक्टरों को इससे जोड़ा जाएगा। इसके लिए एम्स के आइसीयू में कैमरे, माइक, स्पीकर, सर्वर, प्रोजेक्टर समेत अन्य चीजों का सेटअप तैयार किया जा रहा है।

यह होगा लाभ
अभी मरीज के शरीर के जरूरी पैरामीटर की जानकारी डॉक्टर को रियल टाइम में नहीं मिल पाती है। साथ ही रीडिंग में आ रहे उतार-चढ़ाव को भी फोन पर बता पाना बेहद मुश्किल होता है। इस वजह से डॉक्टरों को दूर से कंसल्टेशन देना संभव नहीं होता है।

अब नए सिस्टम के जरिए डॉक्टर सही सलाह दे सकेंगे। साथ ही जरूरी ट्रीटमेंट मौजूद डॉक्टरों को बता सकेंगे। अभी इमरजेंसी में कॉल करके बुलाना पड़ता है, जिसमें समय लगने से मरीज की हालत और खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।

इस सुविधा की मुख्य बातें
- मरीजों का स्वास्थ्य डाटा वास्तविक समय में देखी जा सकेगी। इसके लिए संबंधित डाक्टरों को लॉगिन डिटेल मिलेगी।
- डॉक्टर डाटा कहीं से भी लैपटॉप व मोबाइल पर देख सकेंगे।
- जरूरत पडऩे पर डॉक्टर वीडियो और कंसल्टेशन के जरिए इलाज दे सकेंगे।
- आइसीयू में ई-राउंड की सुविधा शुरू होगी। जरूरत पडऩे पर इसके जरिए अन्य विभागों के डॉक्टरों से भी मरीज की हालत के बारे में परामर्श कर सकेंगे।

एम्स भोपाल ई-आइसीयू की दिशा में लगातार काम कर रहा है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि नई तकनीकों का इस्तेमाल कर मरीजों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराया जा सके।
- डॉ अजय सिंह, निदेशक, एम्स