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परीक्षा में ये भी हो चुके हैं फेल, दुनिया है आज इन बड़ी-बड़ी हस्तियों की मुरीद

Board of Secondary Education exam में हो गए हो फेल तो न घबराए, ये बड़ी-बड़ी हस्तियां भी हुई थी फेल

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mp board successful student

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भोपाल. 10वीं और 12वीं के एमपी बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट आ चुके हैं। कहीं टॉपर्स की बात हो रही है, तो कहीं असफल होने वाले लोगों को ताने दिए जा रहे हैं। पत्रिका उन असफल लोगों को भी सफल मानती है।

अमेरिकी लेखक नेपोलियन हिल ने कहा था कि अधिकतर महान लोगों ने अपनी सबसे बड़ी सफलता अपने सबसे बड़ी विफलता के बाद हासिल की है। वहीं हेनरी फोर्ड ने कहा था असफलता महज एक अवसर है फिर से शुरुआत करने का , लेकिन इस बार और बुद्धिमानी से।

खोटा सिक्का भी बड़ें काम का

mp board 10th and 12th class एमपी बोर्ड परीक्षा के 10वीं और 12वीं में असफल रहें विदयार्थी असफल होने पर निराश न हो। आगे और ज्यादा तैयारी करें और आगे बढें। प्रदेश के कई ऐसे बड़े लोग है जिन्हें कई बार परीक्षा में ही नहीं बल्कि हर पहलु पर असफल होना पड़ा है। लेकिन कहते है कि एक न एक दिन खोटा सिक्का भी बड़े काम का होता है। अगर आप जिंदगी में आगे बढ़ने चाहते है तो फेल होना भी जरूरी है क्यों फेल होने से कुछ मिले या न मिले लेकिन तजुर्बा जरूर सीखने को मिलता है जो हर दिन काम आता है।

परीक्षा में फेल होने या कम अंक आने पर हार नहीं मानना चाहिए। जिंदगी में आगे बढ़ने के बहुत मौके मिलते हैं। किसी एक परीक्षा के नतीजों के अंकों से न तो किसी की योग्यता को आंका जा सकता है और न ही उसके भविष्य को तय किया जा सकता है। इसलिए अगर असफलता भी मिलती है तो मलाल न करते हुए दोगुनी ताकत से प्रयास करना चाहिए। जिन लोगों ने ऐसा किया है वे न सिर्फ सफल इंसान बने बल्कि उन्होंने समाज में अपना एक मुकाम हासिल किया।

परीक्षा में आए कम नंबर बने महान

इस देश में केवल डिग्री या फिर अच्छे नम्बर लाना सफल होना नहीं होता। इतिहास भी उठाकर देखा जाए तो महात्मा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम , बाक्सर मैरी कॉम , महान् क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर , अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन भी कहीं न कहीं असफल रहे है, लेकिन इन्होंने इसके बावजूद मेहनत करना नहीं छोडा और ये महापुरूष परीक्षा में कम नम्बर आने के बावजूद महान काम किये।

संघर्ष का मैदान छोड़ने की जरूरत नहीं

दुनियाभर में Unsuccessful student असफल छात्रों के ऐसे कई उदाहरण हैं जो कई बार मेहनत करने के बाद भी असफल हुए है। हर बार वे फेल होकर परीक्षा में फेल होते है लेकिन उन्हे इस दौरान ऐसे कई तजुर्बे सीखने को मिलते हैं जो एक दिन उस रिजेक्‍ट छात्र को आगे लाकर खड़ा कर देता है और फिर वहीं छात्र देश में इतिहास रच देता है। हिन्दी भाषा के कवि और लेखक हरिवंश राय बच्चन ने विद्यार्थियों में नए जोश का संचार करने के लिए कहा था "असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो, क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो। जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम, संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।

बड़ी-बड़ी हस्तियां भी एग्जाम में हुई फेल

हार स्वीकार करने के पीछे का सबसे बड़ा मोटिव यह है कि आप खुद को नए जोश के साथ तैयार करें। खुद से वादा करें कि जो कमियां इस बार रह गई हैं, उन्हें आप दोहराएंगे नहीं। पढ़ाई के लिए दूसरों से मदद लेने से कतराएंगे नहीं। यह नए जोश और उमंग के आपकी इच्छाशक्ति पर निर्भर है, उसे मजबूत रखें। अंक कम आने पर या फेल हो जाने पर खुद को अकेला न रखें। आप अकेले नहीं हैं, जो फेल हुए हैं। दुनिया में बड़ी-बड़ी हस्तियां हुई हैं, जो किसी न किसी एग्जाम में फेल हुई हैं। परिवार वालों और दोस्तों के बीच बैठिए। इस यकीन के साथ कि अगली बार आप बेहतर करेंगे।