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चीन में सोयाबीन की मांग पूरी कर सकता है अकेला मध्यप्रदेश

अमरीका के सोयाबीन पर 25 फीसदी निर्यात टैक्स लगाने के बाद चीन अब भारत की ओर रुख कर सकता है।

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भोपाल

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Umesh yadav

Jul 12, 2018

(फोटो सोर्स: पत्रिका)

(फोटो सोर्स: पत्रिका)

भोपाल। अमरीका के सोयाबीन पर 25 फीसदी निर्यात टैक्स लगाने के बाद चीन अब भारत की ओर रुख कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो इसका फायदा मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा होगा। ये तीनों राज्य देश में सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राज्य है। मध्यप्रदेश भी अकेले चीन की मांग को पूरी करने की क्षमता रखता है। चीन को 11.50 लाख टन सालाना सोयाबीन की जरूरत रहती है। अकेला मध्यप्रदेश 70 लाख टन सोयाबीन पैदा करता है। अक्टूबर 2017 की स्थिति में प्रदेश के पास स्टॉक में करीब 10 लाख टन सोयाबीन है।

दुनिया में ऐसी स्थिति
दुनिया में अमरीका बड़ा सोयाबीन निर्यातक देश है। चीन को सबसे ज्यादा सोयाबीन अमरीका ही देता था। इसके बाद ब्राजील, अर्जेटीना, चीन और भारत का नंबर आता है। चीन में 11.50 करोड़ टन सोयाबीन की खपत है, लेकिन उसके यहां केवल 1.50 करोड़ सोयाबीन होता है। इसलिए वह दूसरे देशों से सोयाबीन खरीदता है। अमरीका पांच लाख करोड़ टन सोयाबीन चीन को देता था। निर्यात टैक्स के बाद चीन ने अमरीका से मुंह मोड़ लिया है।

अभी मध्यप्रदेश में ऐसी स्थिति

मध्यप्रदेश में अभी सोयाबीन की कीमत बेहतर है। पिछले साल सोयाबीन का समर्थन मूल्य 3050 रुपए प्रति क्विंटल था। इस सीजन में यह बढ़कर 3399 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। खुले बाजार की स्थिति देखें तो इंदौर के गौतमपुरा मार्केट में 3500 रुपए प्रति क्विंटल है। पिछले साल यह 2850 रुपए प्रति क्विंटल था।

अगर चीन से मांग आती है तो किसानों को इससे भी अधिक दाम मिल सकते हैं। मध्यप्रदेश के कृषि विभाग के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा के अनुसार अमरीका से सोयाबीन बंद करके चीन भारत से खरीदना शुरू करता है तो मध्यप्रदेश के लिए भी यह बेहतर मौका होगा। मध्यप्रदेश सोयाबीन स्टेट है और देश का 55 फीसदी सोयाबीन उत्पादित करता है। भारत से जो सोयाबीन जाएगा, उसमें मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा योगदान हो सकता है।

भारत 2012 तक देता था सोयाबीन
भारत 2012 तक चीन को सोयाबीन भेजता था। वर्ष 2010-11 में 4 लाख टन सोया खली (तेल निकालने के बाद) चीन को दी थी। साथ ही3 लाख टन सोया आटा दिया था। जनवरी 2012 में चीन ने भारत से सोयाबीन आयात पर यह कहकर रोक लगा दी कि सोयाबीन में मॉलीक्साइड ग्रीन रसायन पाया गया है। यह रसायन जूट-बैग की प्रिंटिंग से निकलता था। खास बात यह कि तब चीन 3 से 5 प्रतिशत टैक्स आयात पर लेता था। अमरीका से आयात बंद करने के बाद चीन ने यह टैक्स हटा दिया।

3 प्रमुख राज्यों में सोयाबीन रकबा

- 58.45 लाख हैक्टेयर में मध्यप्रदेश
- 35.84 लाख हैक्टयेर में महाराष्ट्र
- 10.80 लाख राजस्थान