
एमपी में टूरिस्टों के लिए पांच कैफेटेरिया बनेंगे demo pic
Cafeterias - एमपी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर जतन किया जा रहा है। राज्य सरकार टूरिस्टों की सुविधा के लिए प्रमुख पर्यटन स्थलों पर लकदक कैफेटेरिया भी खोल रही है। ये सर्व सुविधायुक्त अत्याधुनिक ट्राइबल कैफेटेरिया होंगे। प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने यह जानकारी दी। राज्य सरकार के 2 साल पूरे होने पर उन्होंने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में विभागीय उपलब्धियां भी बताईं। मंत्री विजय शाह ने बताया कि प्रदेश के हरेक जनजातीय विकासखंडों में सांदीपनि विद्यालय खुलेगा, स्कूलों में स्मार्ट क्लास होगी, 86 जनजातीय विकासखंडों में कला भवन बनाए जाएंगे। उन्होंने जनजातीय कलाओं के लिए जीआईटैग की बात भी कही।
जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने बताया कि आनेवाले 3 सालों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अधोसंरचना, स्मार्ट क्लासेस, लैब और लाइब्रेरी अपग्रेड की जाएंगी। हर जनजातीय विकासखंड में एकलव्य विद्यालय, माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर और बालक आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना की जाएगी।
मंत्री विजय शाह ने जनजातीय श्रद्धा एवं पूजा स्थलों का उन्नयन करने की भी बात बताई। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए 86 जनजातीय विकासखंडों में कला भवन बनाए जाएंगी।
डिंडोरी जिले की गोंड पेंटिंग को जीआईटैग मिलने का जिक्र करते हुए मंत्री विजय शाह ने कहा कि सात उत्पादों की जीआईटैग की प्रक्रिया चल रही है। इनमें भील जनजाति के गलशन माला, बोलनी, पिथौरा चित्रशैली, झाबुआ आदिवासी गुड़िया एवं गोंड जनजाति समूह के वाद्य यंत्र बाना चिकारा तथा मुखौटा काष्ठ शिल्प शामिल हैं।
मंत्री विजय शाह ने बताया कि मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर ट्राइबल कैफेटेरिया खोले जा रहे हैं। इनमें सिवनी में पेंच नेशनल पार्क के पास टौरिया गांव में, बालाघाट में कान्हा नेशनल पार्क के पास, धार के मांडू में ट्राइबल कैफेटेरिया बनाए जा रहे हैं। पचमढ़ी और बांधवगढ़ में भी कैफेटेरिया का निर्माण किया जा रहा है।
गुजरात के केवड़िया के जनजातीय महिला कैफेटेरिया की तर्ज पर प्रदेश के ये ट्राइबल कैफेटेरिया भी जनजातीय स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे। पांचों ट्राइबल कैफेटेरिया सर्वसुविधायुक्त होंगे। इन अत्याधुनिक कैफेटेरिया में
टूरिस्टों को आदिवासी संस्कृति, खान-पान, व्यंजन और शिल्पकला आदि से रूबरू होने का अवसर मिलेगा। इससे जहां जनजातीय संस्कृति का संरक्षण होगा वहीं जनजातीय महिलाओं को आजीविका का भी साधन मिलेगा।
ट्राइबल कैफेटेरिया से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। कैफेटेरिया को पारंपरिक ढंग से सजाया जाएगा। यहां स्थानीय आदिवासी पकवान मिलेंगे और हस्त शिल्प की सामग्री भी उपलब्ध रहेगी। ट्राइबल कैफेटेरिया में टूरिस्ट अनोखे सांस्कृतिक एवं पारिवारिक अनुभव का आनंद उठा सकेंगे।
मंत्री विजय शाह ने बताया कि प्रदेश में स्वदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 14 गांवों में 86 जनजातीय होमस्टे बनाए जा रहे हैं। जनजाति वर्ग के व्यापारियों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए चार ट्राइबल मल्टीपरपज मार्केटिंग सेंटर भी स्वीकृत किए गए हैं।
Updated on:
30 Dec 2025 06:15 pm
Published on:
30 Dec 2025 05:43 pm
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