19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Cbse School Fee: सीबीएसई स्कूलों ने बढ़ाई 15 फीसदी फीस, 1 अप्रैल से हुई लागू

Cbse School Fee Hike: बिना पूर्व सूचना बढ़ाई फीस, स्कूल संचालकों की मनमानी का शिकार हो रहे अभिभावक, वसूल रहे हैं यूनिफॉर्म, किताबें व समान दूरी का अलग-अलग परिवहन शुल्क

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Manish Geete

Mar 30, 2024

cbse_school_fees_news.png

मध्यप्रदेश के स्कूलों में बगैर सूचना दिए बढ़ा दी गई नए सत्र की फीस।

mp cbse School Fee Hike: प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाना अब ज्यादा महंगा हो गया है। सीबीएसई के मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों ने बगैर किसी सूचना दिए 10 से 15 फीसदी तक फीस बढ़ा दी है। इस बढ़ोत्तरी से निश्चित ही बच्चों के अभिभावकों को ज्यादा झटका लगा है। फीस के साथ ही इस बार यूनिफॉर्म, किताबें और बसों का किराया भी भारी पड़ने वाला है। 1 अप्रैल 2024 से शुरू हुए सत्र से नया फीस स्ट्रक्चर (fees structure) लागू हो गया है।

मध्यप्रदेश के सीबीएसई स्कूलों में बगैर कोई सूचना दिए फीस बढ़ाने का मामला सामने आया है। एक अप्रेल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है। इस सत्र में भी अभिभावकों को स्कूल संचालकों की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है। निजी स्कूलों ने न केवल फीस में 10-15 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है, बल्कि यूनिफॉर्म, किताबें व समान दूरी का अलग-अलग परिवहन शुल्क भी अभिभावकों की जेब पर भारी पड़ रहा है। फीस रेगुलेशन एक्ट के तहत स्कूलों की फीस तीन साल के लेखाजो खा के आधार पर तय की जाना थी, स्थिति यह है कि इस साल भी जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से स्कूलों से फीस तय करने के लिए आवेदन नहीं लिए गए हैं। न ही उनसे फीस के संबंध में कोई जानकारी मांगी गई। ऐसे में स्कूलों ने एक बार फिर मनमाने तरीके से फीस बढ़ा दी है।

नए शिक्षण सत्र में प्रस्तावित फीस स्ट्रक्चर क्या होगा, स्कूल की फीस में वृद्धि 10 प्रतिशत या उससे कम है। यह नए सत्र से 90 दिन पहले जानकारी अपलोड करना होगी।


0- यदि पिछले शैक्षणिक सत्र की तुलना में फीस वृद्धि 10 प्रतिशत से अधिक और 15 प्रतिशत या उससे कम है तो जिला समिति को भेजना होगी, वह इस पर 45 दिन में निर्णय लेगी।
0- यदि यह फीस वृद्धि 15 प्रतिशत से ज्यादा है तो जिला समिति 7 दिन में अपने अभिमत के साथ राज्य समिति को भेजेगी।
0- जिला समिति निजी विद्यालय के प्रबंधन से ऐसी अतिरिक्त जानकारी या साक्ष्य मांग सकेगी कि वह फीस क्यों बढ़ा रहे हैं।
0- फीस बढ़ाने पर निर्णय लेने से पहले समिति स्कूल प्रबंधन और छात्रों या पालक संगठनों का पक्ष भी ले सकेगी।

स्कूलों की फीस पर नियंत्रण करने के लिए चार साल पहले गाइडलाइन जारी की गई थी। गाइड लाइन के अनुसार तीन साल के लेखा-जोखा के आधार पर स्कूलों की फीस तय की जाना चाहिए। अब तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। स्कूलों ने इस साल भी 10 से 15 प्रतिशत तक फीस बढ़ा दी है।
-प्रबोध पंड्या, महासचिव, पालक महासंघ

कोई भी स्कूल 10 प्रतिशत से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकता। यदि किसी स्कूल ने फीस बढ़ाई है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
-अंजनी त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल