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ड्रायफ्रूट के बाद एमपी में बीड़ी, लड्डू घोटाला, कर्ज में डूबी सरकार पर भ्रष्टाचार के नये दाग

MP Panchayat Corruption: मध्यप्रदेश सरकार कर्ज में डूबी है, आए दिन अफसरों और कर्मचारियों के घोटाले उजागर हो रहे हैे, वहीं अब शहडोल ड्रायफ्रूट घोटाले के बाद तीन नए जिलों की पंचायतों और जनपद पंचायतों में फीजूल खर्च के नाम पर खेला जा रहा है, भ्रष्टाचार का बड़ा खेल...

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MP Corruption

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MP Panchayat Corruption: शहडोल में पेंट-पुताई और घंटेभर के कार्यक्रम में 14 किलो ड्रायफ्रूट्स खाने के बाद अब तीन नए जिलों में भारी भ्रष्टाचार (MP Panchayat Corruption) सामने आया है। राज्य सरकार जहां कर्ज के बोझ तले दबी है। बजट से ज्यादा कर्ज से जूझ रही है। वित्त विभाग इस खाई को पाटने के लिए खर्च पर लगाम लगा रहा है। वहीं, पंचायत और जनपद पंचायत में अफसर दिल खोलकर बिल के नाम खर्च में काले-पीले कर रहे हैं।

सतना में जहां रोटी मेकर मशीन की खरीदी के लिए उन्हें गद्दा सप्लाई करने का अनुभव रखने वाले विक्रेता चाहिए। वहीं, मऊगंज में बिजली की दुकान से मिठाई-पानी, फल खरीदे जा रहे हैं। डिंडोरी में सरकार के रुपए से बीड़ी फूंकी जा रही है। व्यवस्था और नियमों का उपहास उड़ाते कुछ मामलों की रिपोर्ट यहां पेश है....

1. जनजातीय कार्य विभाग में गड़बड़झाला


सतना.खरीदनी है रोटी मेकर मशीन, टेंडर की शर्तों में जोड़ा गद्दा सप्लाई का अनुभव जरूरी

जनजातीय कार्य विभाग में आश्रम, शालाओं, छात्रावासों में भोजन की गुणवत्ता सुधारने के लिए सेमी-ऑटोमैटिक रोटी मेकर मशीनें खरीदने की तैयारी है। विभाग ने मशीनों का स्पेसिफिकेशन तय कर जिलों को स्थानीय स्तर पर पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए। लेकिन 28 जिलों ने इसी निर्देश में सेंध लगा दी।

खास सप्लायर को फायदा पहुंचाने के लिए शर्तों में बेतुकी शर्तें जोड़ दीं। रोटी मेकर मशीन खरीदने के लिए गद्दा सप्लाई या हॉस्टल फर्नीचर का अनुभव अनिवार्य कर दिया। इस गड़बड़ी पर जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त श्रीमन शुक्ला ने 28 जिलों के जिला संयोजकों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं। उन्होंने लिखा-मशीनें कन्वेयर बेल्ट युक्त व कॉम्पैक्ट डिजाइन की हों, जो सीधे फूली हुई रोटियां तैयार करें। टेंडर में ऐसी शर्त न जोड़ें जिससे प्रतिस्पर्धा सीमित हो। ऐसा हुआ तो कार्रवाई होगी।

2. जनपद पंचायत अध्यक्ष बोले- जिस कार्यक्रम का बिल लगाया, वहां पीने का पानी तक नहीं था

रीवा. मऊगंज में बिजली दुकानदार को फल-मिठाई के 15 लाख रुपए का किया भुगतान

मऊगंज में जल गंगा संवर्धन के आधे घंटे के कार्यक्रम में जनपद पंचायत ने 14 लाख रुपए से अधिक भुगतान कर दिया। फर्जीवाड़ा ऐसा कि बिजली की दुकान (प्रदीप लाइट हाउस) से मिठाई-पानी और फल की खरीद ली। टेंट के सामान भी बिजली दुकान से ही किराये पर ले लिए। खास यह है कि इतना खर्च होने के बाद भी जनपद अध्यक्ष नीलम सिंह परिहार ने साफ कर दिया कि कार्यक्रम में पीने के पानी तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। मामले में जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष राजेश पटेल समेत 17 सदस्यों ने शिकायत की है। कलेक्टर संजय ने जांच के आदेश दिए हैं।

जनपद के प्रभारी वित्तीय सीईओ एबी खरे, प्रभारी प्रशासनिक सीईओ रामकुशल मिश्रा और ग्राम पंचायत डिघवार 391 के रोजगार सहायक राजकुमार शुक्ला ने नोटशीट में दी गई स्वीकृति से कई गुना अधिक भुगतान कर दिया। प्रदीप इंटरप्राइजेज को 1.96 लाख और 41,890 रुपए की स्वीकृति ली, लेकिन नौ बार में 14.84 लाख भुगतान किए।

जनपद से नस्ती भी गायब

जिस भुगतान को लेकर आरोप लगे हैं, उसकी नस्ती भी जनपद से गायब है। लेखापाल राजमणि कहार ने अध्यक्ष से शिकायत की है कि प्रशासनिक सीईओ रामकुशल मिश्रा ने उनका डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट डिवाइस और मोबाइल अपने पास 17 मई को रखवा लिया। उसके बाद लगातार भुगतान किए। भुगतान से जुड़ी नस्ती जनपद सीईओ ने अपने घर पर रख ली है।

ये है मामला

17 अप्रेल को बिछिया नदी के उद्गम स्थल खैरा पंचायत में कार्यक्रम हुआ। बताया गया, इसमें करीब 150 लोग शामिल हुए। पंचायती राज मंत्री प्रहलाद पटेल कुछ ही मिनट रुके थे। लेकिन जनपद के अफसरों ने फर्जी दस्तावेज बना 14.84 लाख का भुगतान कर दिया, जबकि स्वीकृति 2.38 लाख की थी।

दो बिलों के भुगतान की नोटशीट चलाई, नौ बार हुआ भुगतान, जांच की मांग

जल गंगा संवर्धन कार्यक्रम में क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि थे। वहां पीने के पानी तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। दो बिलों के भुगतान की नोटशीट चलाई और नौ बार भुगतान हुआ। इसी की जांच की मांग की है।

-नीलम सिंह परिहार, जनपद अध्यक्ष मऊगंज

3. डिंडौरी: समनापुर जनपद पंचायत का कारनामा

भोपाल. 12 लड्डू मंगवाए, एक लड्डू 20 रुपए का, किसने खाया और कहां, किसी को पता नहीं

डिंडोरी में सरकारी खर्च पर बीड़ी के धुएं का गुबार उड़ाने वाला भ्रष्टाचार सामने आया है। समनापुर जनपद पंचायत ने 10 कट्टे बीड़ी के बंडल के बिल लगाया है। 10 फरवरी को 3700 रुपए का बिल पास भी करवा लिया। इतना ही नहीं, कुल 11 सामान मंगाए और बिल 14320 रुपए लगाए। हैरानी यह है कि इसमें पोहा, चिरौंजी और फलीदाना भी है। अफसरों की हदें यहीं कम नहीं हुईं। 12 लड्डू के बिल 1440 रुपए लगाए। यानी, एक लड्डू 120 रुपए का खाया। कहां और किसने खाया, इसका पता नहीं है।

हर बिल में भ्रष्टाचार

मझियाखार पंचायत के लगभग हर बिल में भयानक भ्रष्टाचार हुआ। 2024 के कुछ बिल निकाले गए तो 14 अगस्त को लगाए बिल में एक ही दिन में 50 किलो नमकीन मंगाई गई। इसका बिल 10 हजार रुपए लगाया गा। इससे एक दिन पहले 13 अगस्त को टेंट, पंडाल और कुर्सी के नाम पर 35,850 रुपए का बिल लगाया।

भाजपा जिला अध्यक्ष के नाम से लगाया फर्जी बिल

डिंडोरी में ही मझियाखार पंचायत ने तो भाजपा जिलाध्यक्ष के नाम का ही फर्जी बिल लगा दिया। साहू ट्रासंपोर्ट के नाम से लगाए इस बिल में बताया गया कि जिला अध्यक्ष चमरू सिंह नेताम डिंडोरी आए। उनके ट्रेवल पर 25000 रुपए खर्च हुए। पत्रिका को नेताम ने बताया, मैंने ट्रेवल में कोई गाड़ी इस्तेमाल नहीं की। मैं आज तक मझियाखार पंचायत भी नहीं गया।

जिम्मेदारों ने ऐसे झाड़ा पल्ला

पंचायत स्वतंत्र संस्था है। लेकिन जो भी बिल लगाए जाने चाहिए वो नियम कायदे से ही होने चाहिए। मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। आप मुझे बिल भेज दें, मैं पता करवा लेता हूं।

- अनिल राठौड़, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत डिंडोरी

यहां के जिला संयोजकों को नोटिस

रीवा, सीधी, श्योपुर, ग्वालियर, बुरहानपुर, रतलाम, उज्जैन, नर्मदापुरम, बैतूल, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, खंडवा, बड़वानी, आलीराजपुर, खरखेन, झाबुआ, धार, इंदौर, सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, मंडला, जबलपुर, सागर, भोपाल, सीहोर।