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मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा आयोजन स्थापना दिवस समारोह स्थगित, नवरात्र में नहीं होंगी रामलीला

प्रदेश में होने वाली प्रमुख सांस्कृतिक आयोजन दो महीने थमे रहेंगे

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भोपाल। आचार संहिता लगने के बाद प्रदेश में सांस्कृतिक आयोजनों का सिलसिला भी थम गया है। प्रदेश का सबसे बड़ा और भव्य आयोजन 1 नवंबर को मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर लाल परेड ग्राउंड पर आयोजित किया जाता रहा है। इस बार इसे स्थगित कर दिया गया है। पहले विभाग आचार संहिता में भी लाल परेड ग्राउंड की जगह रवीन्द्र भवन में आयोजित करता रहा है, लेकिन इस बार रवीन्द्र भवन में इसे आयोजित नहीं किया जाएगा।संस्कृति विभाग हर वर्ष कला पंचांग जारी कर उसी के अनुसार प्रदेशभर में कार्यक्रमों का आयोजन करता है। नवरात्र, शरद पूर्णिमा से लेकर दीपावली तक त्योहार के दौरान प्रदेश में 10 से ज्यादा सांस्कृतिक आयोजन किए जाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रामलीला नहीं होगी

अधिकारियों का कहना है कि इससे पूर्व में चुनाव के दौरान प्रमुख आयोजनों की अनुमति मिलती रही है। वर्ष-2013 व 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान भी स्थापना दिवस सहित कई आयोजन किए गए। भोपाल में हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रामलीला का आयोजन किया जाता रहा है, इस बार ये 17 से 23 अक्टूबर तक प्रस्तावित थी, वहीं परासिया में भी 22 से 24 अक्टूबर तक श्रीराललीला उत्सव होना था, जो अब नहीं हो पाएगा। इस तरह ग्वालियर में होने वाला मप्र नृत्य समारोह, शौर्य स्मारक वर्षगांठ समारोह, गुना, मैहर, नलखेड़ा, बुरहानपुर और सलकनपुर में शक्ति पर्व नहीं हो पाए।

उज्जैन में गुरु रामदास और बाबा बंदा बहादुर पर केंद्रित प्राकट्य उत्सव, देवास में ठुमरी समारोह जैसे आयोजन भी थम गए। देश के ख्यात मल्टी आर्ट सेंटर भारत भवन के आयोजन भी स्थगित कर दिए गए तो जबलपुर में नर्मदा महोत्सव और चित्रकूट में होने वाले शरदोत्सव के साथ दीपावली पर भोपाल, इंदौर, जबलपुर दिवाली पहाट भी खटाई में पड़ गए हैं। वहीं, नवंबर में चित्रकूट में होने वाले तुलसी उत्सव रघुनाथगाथा, दतिया महोत्सव, डगडौआ, उमरिया और भोपाल में होने वाले शहीद मेला कार्यक्रम भी चुनाव के चलते नहीं हो पाएंगे। विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला का कहना है कि चुनाव आयोग से कला पंचांग के प्रमुख आयोजनों की अनुमति मांगी गई है, यदि अनुमति मिलती है तो आयोजन किए जाएंगे।

संस्कृति विभाग के डायरेक्टर की आयोग में शिकायत

इधर, कांग्रेस ने संस्कृति विभाग के डायरेक्टर अदिति त्रिपाठी की चुनाव आयोग में शिकायत की है। शिकायत कर चुनाव प्रभावित होने की आशंका जताते हुए इन्हें पद से हटाने की मांग की गई है।