20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MP Election 2023: दो सबसे निगेटिव फीडबैक वाले अंचलों को मोदी-शाह ने एक ही दिन में साधा

साफ संदेश दिया... हर घर तक मोदी के नाम और चेहरे का संदेश पहुंचाने की रणनीति... €क्योंकि मोदी का चेहरा ही अहम...

2 min read
Google source verification
pm_modi_news_in_hindi.jpg

चुनाव आचार संहिता लगने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने पहली ही आमसभा से साफ कर दिया कि विधानसभा का चुनाव उनके चेहरे पर होगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान का महत्व पूरी तरह बरकरार रखते हुए अगले 12 दिन की चुनावी गाइडलाइन साफ कर दी है। पीएम मोदी ने तीन अहम बातें...

कहीं, जो सीधे चुनाव पर असर डालती हैं। यूं जानें मायने...

1. मोदी ने थीम लाइन को दोहराया, एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी। संदेश: मप्र का चुनाव डबल इंजन सरकार के लिए जिताओ। मोदी का चेहरा और मन देखकर जिताओ। मध्यप्रदेश से खुद को कने€ट किया।

2. मोदी ने कहा कि चुनावी नहीं, मेरा काम है कि हर घर जाकर मेरा प्रणाम कहो, जब हर घर से आशीर्वाद मिलता है तो मेरी ताकत बढ़ती है। संदेश: हर-हर मोदी, घर-घर मोदी की थीमलाइन का विस्तार है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यह नारा कारगर था।

3. तीन दिसंबर को जश्न मनेगा। कांग्रेस को लेकर कहा, तीन के बाद असली फिल्म दिखेगी। संदेश: मोदी ने प्रचंड जीत का आत्मविश्वास दिखाया, ताकि निगेटिव फीडबैक को भूलकर कार्यकर्ता काम करें। कांग्रेस पर भी मानसिक दबाव बनाया।

रतलाम में €क्यों

मोदी ने पहली चुनावी सभा प्रदेश में सबसे ज्यादा सीटों वाले मालवा-अंचल में की। मालवा-निमाड़ में 66 सीटें हैं। वैसे, निमाड़ में 16 सीटें जाती हैं, लेकिन मालवांचल भी प्रभावित करता है। मोदी ने रतलाम में सभा के जरिए आदिवासी-दलित वर्ग से लेकर पूरे अंचल को साधने की कोशिश की है। साफ संदेश दिया कि यहां से लौटकर हर घर तक मेरा प्रणाम पहुंचाना यानी आसपास की सीटों को भी प्रभावित करने की रणनीति पर काम किया। 66 सीटों पर प्रभाव पैदा किया जाएगा। अभी 33 पर भाजपा, 30 पर कांग्रेस है।

ये सबसे अहम

मोदी ने जहां चुनावी दौरे की पहली सभा मालवांचल में की, तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसी दिन ग्वालियर में सभा की। एक ही दिन में मोदी-शाह ने उन दो अंचलों को साधने की कोशिश की, जो 2018 के चुनाव में भाजपा के लिए झटका देने वाले साबित हुए थे। पहले नंबर पर ग्वालियर-चंबल और दूसरे पर मालवा-निमाड़ था। ग्वालियर-चंबल में भाजपा को 34 सीटों में से सात सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 26 सीटें। एक सीट बसपा के खाते में गई थी। अब भाजपा इस पूरे अचंल को भी साधने के लिए काम कर रही है।

ये भी पढ़ें :MP Election 2023: राष्ट्रपति आदिवासी, इसलिए मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराया: खरगे