
Saurabh Sharma Case: परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा पर रसूखदारों का हाथ पहले से ही रहा है। सौरभ शर्मा के राजधानी के शाहपुरा बी सेक्टर में बन रहे स्कूल के लिए सरकार ने कौडिय़ों के भाव जमीन दी। पत्रिका पड़ताल में पता चला है कि 2004 में आवास एवं पर्यावरण विभाग ने पत्र लिखा। इसमें भोपाल विकास प्राधिकरण को राजमाता शिक्षा समिति के लिए भूखंड आवंटित करने को कहा। पत्र के मुताबिक 19,942 वर्ग फीट जमीन का आवंटन 95.10 रुपए प्रतिवर्ग से हुआ।
करोड़ों की जमीन सौरभ को 18.96 लाख रुपए में दे दी। तब इलाके में जमीन 1000रुपए वर्ग फीट थी, अब इसकी रेट 10000 रुपए वर्गफीट हो गई। राजमाता शिक्षा समिति की अध्यक्ष सौरभ की सास अर्चना शर्मा हैं, पत्नी दिव्या तिवारी डायरेक्टर और राजदार दोस्त शरद जायसवाल सचिव है।
लोकायुक्त टीम ने सौरभ के घर जाकर मां उमा शर्मा के बयान दर्ज किए। उमा ने बताया, वे कभी कभार ही भोपाल आईं, ज्यादातर समय ग्वालियर में ही रहती थी, इसलिए उन्हें सौरभ के कारोबार की ज्यादा जानकारी नहीं है, सौरभ ही बता पाएगा। लोकायुक्त सौरभ सहित पांच लोगों को दो नोटिस जारी कर चुकी। पहले नोटिस का कोई जवाब नहीं मिला। दूसरे के अंतिम दिन सौरभ की मां से पूछताछ हुई। पर अब भी सौरभ, पत्नी दिव्या और शरद का कोई जवाब नहीं मिला।
जांच एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि बढ़ते रसूख के साथ सौरभ जमीन पर कब्जे जैसे कृत्यों में भी लिप्त हो गया। ऐसे में शक है कि जमीन वाला एनजीओ सौरभ का ही है। सौरभ ने इसे किस से लिया, इस एंगल पर भी लोकायुक्त टीम जांच कर रही है।
Updated on:
01 Jan 2025 09:45 am
Published on:
01 Jan 2025 09:21 am
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