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बैंक और कार्यालय सूने, हड़ताल का व्यापक असर

बैंकों में 50 करोड़ का लेनदेन प्रभावित, विभिन्न संगठनों के आह्वान पर रही हड़ताल, श्रम विरोधी नीतियों की खिलाफत

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केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बैंककॢमयों, एलआईसी कार्मिकों ने शुक्रवार को हड़ताल की तो इधर मंत्रालयिक कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर जयपुर कूच कर गए। रेडियोलॉस्टि के विरोध के चलते निजी सोनोग्राफी सेंटरों में हड़ताल के चलते सोनोग्राफी कार्य बंद रहा। एेसे में कार्यालयों में सूनापन नजर आया। हड़ताल का व्यापक असर देखा गया। जिले भर के बैंकों में करीब 50 करोड़ का लेनदेन अटका। मंत्रालयिक कर्मचारी नहीं होने से लोगों के काम कार्यालयों में नहीं हो पाए।

करोड़ों का कारोबार प्रभावित

ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलॉइज यूनियन, राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक आफि सर्स एसोसिएशन, एसबीबीजे एम्पलॉइज एसोसिएशन के आह्वान पर बैंकों मे पूर्ण हड़ताल रही। इस दौरान एसबीबीजे, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया एवं बाड़मेर केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रतिनिधियों तथा सदस्यों ने स्टेशन रोड स्थित एसबीबीजे की मुख्य शाखा के समक्ष एकत्रित होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान संगठनों के सदस्यों को संभागीय सचिव बीएल जैलिया, अध्यक्ष खेतसिंह राठौड, मूलाराम जांगिड, पेमाराम चौधरी, ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाइज यूनियन के जीएल सिंघवी एवं रामचंद्रन पिल्लई ने सम्बोधित करते केन्द्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों एवं अन्य विसंगतियों के संबध मे जानकारी दी। उन्होंने श्रमिक एकता का आह्वान किया गया। शंकरसिंह बाड़मेर ने आभार जताया।

एलआईसी कार्मिकों ने किया प्रदर्शन

भारतीय जीवन बीमा निगम के स्थानीय शाखा के कर्मचारियो की ओर से शुक्रवार को केन्द्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। शाखा सचिव रूचि स्वर्णकार ने बताया कि मोदी सरकार श्रम कानूनों में बदलाव करने जा रही है। जिसमें नया श्रम कानून पुराने तीन श्रम कानूनों की जगह लेगा। इन सबसे देश में श्रमिकों के अधिकारों पर कुठाराघात हो सकता हैं।

मंत्रालयिक कर्मचारी रहे हड़ताल पर

मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर मंत्रालयिक कर्मचारी शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। कार्यालयों में सूनापन नजर आया। संघ के प्रवक्ता आम्बाराम बोसिया ने बताया कि कर्मचारी गुरुवार को ही प्रदेश सदस्य प्रीतमसिंह, भीखाराम व जिलाध्यक्ष टीलसिंह के नेतृत्व में जयपुर कूच कर गए। शुक्रवार को कार्यालयों में काॢमक कम ही आए। एेसे में अधिकारियों को काम करने में दिक्कत रही। आम आदमी भी कार्यालयों से बैरंग लौटे।

निजी केंद्रों पर नहीं हुई सोनोग्राफी

इंडियन रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग एसोसिएशन के आह्वान पर बाड़मेर सोनोलॉजी एसोसिएशन की तरफ से शुक्रवार को दूसरे दिन अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रही। शहर की सभी निजी व नर्सिंगहोम में सचालित सोनोग्राफी सेवाएं बंद रही। एसोसिएशन के डॉ. हरीश जागिड़ ने बताया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट में विसंगतियांे को हटाने की मांग को लेकर हड़ताल की जा रही है।

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