
भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जल्द ही अच्छी खबर आ सकती है। सरकार उन्हें प्रमोशन देने का फार्मूला तैयार कर रही है। गुरुवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में प्रमोशन देने पर मंथन किया गया। इस बैठक में अंतिम निर्णय अब 8 फरवरी को लिया जा सकता है।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट पदोन्नति में आरक्षण के लिए राज्यों को निर्णय करने के लिए कह चुका है। मध्यप्रदेश में भी मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक कितने लोग पदोन्नति के लिए जरूरी पात्रता रखते हैं और उन्हें किस तरह से प्रमोशन दिया जा सकता है, इसे लेकर फार्मूले पर चर्चा की गई। सामान्य प्रशासन विभाग को सबी विभागों से यह जानकारी एकत्र कर समिति के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है।
मध्यप्रदेश में कई वर्षों से पदोन्नति में आरक्षण पर प्रतिबंध लगा हुआ है। अब इसमें राज्यों को ही कोई रास्ता निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है। इसके लिए मंत्रियों की एक समिति बनाई गई है, जो विचार विमर्श कर प्रमोशन पर कोई फार्मूला तैयार करेगी।
चार लाख कर्मचारी हैं कतार में
एक जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में चार लाख से ज्यादा कर्मचारी छह साल से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए अब सरकार भी एक्टिव मोड में आ गई है। प्रदेश में साल 2016 से अब तक साठ हजार से अधिक कर्मचारी बगैर प्रमोशन ही रिटायर हो चुके हैं।
क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी के प्रमोशन में आरक्षण के लिए कोई मानदंड तय करने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि सरकारी नौकरी में एससी एसटी के प्रमोशन में आरक्षण के लिए राज्य की ड्यूटी है कि वह एससी एसटी के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का डाटा तैयार करे।
Updated on:
03 Feb 2022 05:17 pm
Published on:
03 Feb 2022 05:12 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
