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W DAY: इस बार सरकार ने भी बजट बढाया, तीन योजनाओं पर खूब होगा खर्च 

विभागवार महिलाओं के लिए अलग से बजट पेश करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य 

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Arvind Khare

Mar 08, 2016

भोपाल।
लाड़ो, सखी, स्वागत लक्ष्मी सहित महिलाओं के लिए एेसी अनेक योजनाएं हैं, जिनके लिए सरकार ने खजाना खोला है। महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के बजट में इजाफा हुआ है वहीं इस साल नई योजनाओं की नई सौगात भी मिलेंगी। इसका खाका तैयार है। इन योजनाओं के लिए विधानसभा में बजट पेश कर दिया गया है, सदन की हरी झंडी मिलने की औपचारिकता शेष है।

राज्य की लाड़ली योजना को तो देश में खूब सराहना मिली, अन्य राज्यों ने इसे लागू भी किया है।


अब सरकार का फोकस बाल विवाह रोकने पर अधिक है। इसके लिए शुरू हुए लाड़ो अभियान के बजट को बढ़ाकर दोगुना किया गया है। स्वागत लक्ष्मी योजना के बजट में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। पिछले वित्तीय वर्ष में इसके लिए मात्र 3 हजार का बजट था, लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर एक हजार करोड़ रुपए किया गया है। महिला हेल्प लाइन में भी 3 हजार करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में इसके लिए कोई बजट ही नहीं था। इसी प्रकार ऊषा किरण केन्द्र, घरेलू हिंसा के विरुद्ध महिलाओं को सुरक्षा एवं सहायता केन्द्र, शौर्या दल, वन स्टॉप सेंटर (सखी) के बजट में भी बढ़ोत्तरी हुई है।

साइकिल के लिए अधिक बजट -
बेटियों की पढ़ाई लिखाई में स्कूल की दूरी आड़े न आए, इसके लिए उन्हें नि:शुल्क साइकिल देने की योजना चल रही है। स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के लिए इस योजना के बजट में इजाफा किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस बार 150 करोड़, आदिम जाति कल्याण ने 2 करोड़ और आदिम जाति कल्याण ने एक करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है।

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25 फीसदी हुआ जेंडर बजट -
विभागवार महिलाओं के लिए अलग से बजट पेश करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। इसे जेंडर बजट नाम दिया गया है। पिछले वर्ष यह बजट 12 फीसदी था, लेकिन अब यह बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया है। यानी विभागों के महिला संबंधी योजनाओं और सुविधाओं के बजट में इजाफा किया है।

इनका कहना है...
इस बार बालिका और महिलाओं के बजट में अधिक बढ़ोत्तरी की गई है। नई योजनाएं भी शुरू हो रही हैं। प्रयास यही है कि बेटियां खूब पढ़े और आत्मनिर्भर हों।
- माया सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री

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