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MP इन्वेस्टर समिट- देसी के साथ फॉरेन फंडिंग पर फोकस

- अभी मध्यप्रदेश में जिन देशों का निवेश, उन देशों पर फोकस - सीएम भी करेंगे दो से तीन देशों का दौरा- इंवेस्टर समिट में अब देश-विदेश से निवेश लाने की तैयारी शुरू

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भोपाल। मध्यप्रदेश में 10-11 जनवरी को होने वाली इंवेस्टर समिट में अब देश-विदेश से निवेश लाने की तैयारी शुरू हो गई है। कोरोना काल के बाद भारत में उद्योग-धंधे दूसरे यूरोपीय देशों की तुलना में बेहतर रहे, इस कारण विदेशी कंपनियों का रुझान भी भारत की ओर बढ़ा है। यही कारण है कि अब प्रदेश सरकार भी अब विदेशी निवेश को पाने के प्रयास में लग गई है।

इसके तहत नवंबर की इवेंस्टर समिट को लेकर विदेशों में भी ब्रांडिंग करने और कंपनियों को न्यौता देने की तैयारी है। अब तक जिन विदेशी कंपनियों ने रुचि दिखाई है, वे प्राथमिकता पर हैं। इसके अलावा जिन विदेशी कंपनियों का प्रदेश में पहले से निवेश हैं, उनके लिए भी रेड कॉरपेट बिछाया जा रहा है। इसके लिए नए सेक्टर चुनकर अब तक प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर काम हो रहा है।

रोडमैप ऐसा: विदेशी दूतावास के जरिए प्रयास
प्रदेश में वर्तमान में जर्मनी, जापान, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, इजराइल, कनाड़ा सहित कई देशों की कंपनियां काम कर रही है। इस कारण इन कंपनियों को विशेष तौर पर आकर्षित किया जाएगा। मौजूदा विदेशी कंपनियों को भी विस्तार प्रोजेक्ट लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए एक अहम प्लान दिल्ली में सभी देशों के विदेशी दूतावासों को इस इंवेस्टर समिट में बुलाने का है। इसके अलावा विदेशों में हमारे दूतावास के जरिए भी निवेशकों को बुलाने का प्रयास है। इसके अलावा विदेशों में फ्रेंड्स ऑफ एमपी को भी प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।

देशी निवेश बना विदेशी निवेश बुलाने का जरिया
प्रदेश में अब तक देशी निवेश का एक रोडमैप तैयार हो गया है, जो इंवेस्टर समिट में सबसे सामने होगा। इस प्रकार के निवेश सेक्टर को विदेशी निवेश के लिए क्लस्टर के रूप में सामने रखा जा सकता है, ताकि विदेशी कंपनियां भी आकर्षित हों।

लंदन की कंपनी के साथ हिस्सेदारी
हाइड्राइज समूह लंदन की एथेना कैपिटल्स कंपनी के साथ प्रदेश में बड़ा निवेश करके सिवनी में एथेनॉल प्लांट लगाने की इच्छुक है। इंटरनेशनल कम्फर्ट टेक्नोलॉजीज ने मंडला के मनेरी में मेट्रेस, फोम किल्ट रोल्स और पिलो निर्माण की इकाई के विस्तार का प्रस्ताव दिया है। कनाडा की सीपीपी इंवेस्टरमेंट ने निवेश में रुचि दिखाई है। कनाडा की कंपनियों का इंदौर, देवास और पीथमपुर में निवेश है। फ्रांस, नीदरलैंड, चीन और सऊदी अरब की कंपनियां भी निवेश में रुचि दिखा चुकी है।

दावोस, जर्मनी, लंदन सहित अन्य देशों का दौरा
सीएम शिवराज सिंह चौहान इंवेस्टर समिट के लिए दूसरे देशों का दौरा भी करेंगे। पहले यह दौरान जुलाई में होना था, लेकिन स्थानीय चुनाव के चलते टल गया। अब अक्टूबर या नवंबर में दौरा हो सकता है। सीएम दावोस, जर्मनी और लंदन जा सकते हैं। इन जगहों पर विदेशी कंपनियों के प्रमुखों से मिलकर मध्यप्रदेश में निवेश का न्यौता देंगे।

ज्यादा एफडीआई देने वाले देशों पर नजर
मध्यप्रदेश ने भारत में ज्यादा निवेश करने वाले देशों पर भी नजर टिकाई है, ताकि उन देशों को मध्यप्रदेश की ओर आकर्षित किया जा सके। वित्तीय वर्ष- 2020-21 में भारत ने रिकार्ड तोड़ विदेशी निवेश हासिल किया है। इस वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक 81.72 अरब अमेरिकी डॉलर का एफडीआइ आया। इसमें सबसे ज्यादा 29 फीसदी निवेश सिंगापुर, दूसरे नंबर पर 23 प्रतिशत अमेरिका और तीसरे नंबर पर ९ प्रतिशत मॉरीशस का रहा है। हमारे राज्यों में सबसे ज्यादा एफडीआइ पाने वाले राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक रहे। दिल्ली भी कुछ मामलों में बेहतर रहा है। फिलहाल मध्यप्रदेश इसमें काफी पीछे आता है।

विकास में ये अहम
भोपाल-राजगढ़ में 250 करोड़ से ग्रीन एनर्जी पार्क बनना है। यहां हाइड्रोजन व अमोनिया गैस भी बनेगी। इसी तरह भोपाल-इंदौर-जबलपुर-ग्वालियर-कटनी सहित 7 प्रमुख क्षेत्रों में एयरपोर्ट व सड़क कनेक्टिविटी वाले बड़े लॉजिस्टिक पार्क लाने की तैयारी हो गई है। भोपाल-इंदौर कॉरिडोर में आष्टा के समीप बड़े क्षेत्र पर एआइ व आइटी हब के लिए प्लान है। पांच नए औद्योगिक क्षेत्रों को 714.56 करोड़ से बनना है। इसके अलावा देवास में इंडस्ट्रियल एरिया बनेगा। यहां इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क, कमर्शियल, रेसीडेंशियल, लॉजिस्टिक इंडस्ट्री के प्रोजेक्ट की प्लानिंग है। देवास, सोनकच्छ, आष्टा व सीहोर तक इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने की योजना है। वहीं पुणे के पिनेकेल उद्योग समूह ने पीथमपुर में 2000 करोड़ से ज्यादा के निवेश से ई-व्हीकल प्लांट का प्रस्ताव दे रखे हैं। जेएसडब्ल्यू पेंट समूह ने 1500 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया। अल्ट्राटेक सीमेंट व फोर्स मोटर्स समूह ने भी निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। जेके टायर समूह ने मुरैना में 750 करोड़ के प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया। चिरीपाल समूह ने रतलाम में 250 एकड में 4600 करोड़ निवेश का प्रस्ताव दे चुका है।

इंदौर-भोपाल-ग्वालियर हॉट डेस्टीनेशन
विदेशी निवेश के मामले में मध्यप्रदेश में इंदौर, भोपाल और ग्वालियर को हॉट-डेस्टीनेशन माना जाता है। अब भी दो दर्जन से ज्यादा विदेशी कंपनियां विभिन्न स्तर पर हिस्सेदारी में इन जगहों के आस-पास ही अपने प्लांट लगाए हैं। इंदौर और भोपाल को बेहतर कनेक्टिविटी, औद्योगिक विकास और अन्य सुविधाओं के लिए पसंद किया जाता है, तो ग्वालियर को दिल्ली-यूपी कनेक्टेड एरिया होने के कारण पसंद किया जाता है।