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मप्र की कृषि विकास दर 10 साल से 18 प्रतिशत से अधिक फिर भी सरकार की ओर से 7 सूत्रीय मांगों को लेकर सुनवाई नहीं

- विधानसभा चुनाव सिर पर आते ही कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी लामबंद, अब संयुक्त कृषि मोर्चा संघर्ष के बैनर तले करेंगे संघर्ष - आरोप- विभाग में महज 25 फीसदी पद भरे फिर भी योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी लगन और मेहनत से कर रहे

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मप्र की कृषि विकास दर 10 साल से 18 प्रतिशत से अधिक फिर भी सरकार की ओर से 7 सूत्रीय मांगों को लेकर सुनवाई नहीं

मप्र की कृषि विकास दर 10 साल से 18 प्रतिशत से अधिक फिर भी सरकार की ओर से 7 सूत्रीय मांगों को लेकर सुनवाई नहीं

भोपाल. विधानसभा चुनाव सिर पर आते ही बरसों पुरानी लंबित मांगों के लिए सरकारी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी सक्रिय हो गए हैं। इसी कड़ी में कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी लामबंद हुए हैं। उन्होंने तय किया है धड़ों में बंटकर अलग-अलग संघर्ष करने के बजाय मप्र कृषि अधिकारी संघ, कृषि विकास अधिकारी संघ और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ मिलकर संयुक्त कृषि मोर्चा संघर्ष के बैनर तले लड़ाई लड़ी जाएगी। संयुक्त कृषि मोर्चा संघर्ष मध्य प्रदेश 06 सितंबर से 7 सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है। मुख्यालय से लेकर जिलों तक में 6 हजार अधिकारी-कर्मचारी मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंप रहे हैं। बुधवार को राजधानी स्थित प्रदेश मुख्यालय में अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल, आयुक्त सह-संचालक एम. शैलवेंद्रम को भी मांगो के निराकरण के लिए ज्ञापन सौंपा गया।

काली पट्टी बांधकर काम शुरू, आगे धरना-प्रदर्शन से लेकर सामूहिक अवकाश तक
मालूम हो कि 6 सितंबर से कृषि विभाग के समस्त अधिकारी-कर्मचारी विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर कार्य करने लगे हैं। इसके बाद 11 सितम्बर 2023 तक मांगों का समाधान न होने परं 12 सितम्बर 2023 को प्रदेश और जिला स्तर पर सामूहिक धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। फिर भी सुनवाई नहीं हुई तो 19 सितम्बर 2023 को समस्त अधिकारी-कर्मचारी एक दिवसीय सामूहिक अवकाश पर रहकर जिले के कम से कम एक ग्राम में रात्रि विश्राम कर किसानों से चर्चा करेंगे।


सात्र सूत्रीय मांगें, जिनका वर्षों से नहीं हुआ निराकरण
1. वर्ष 2016 से पदोन्नति न होने के कारण रिक्त समस्त उच्च पदों पर अन्य विभागों की तरह पांच स्तरीय वेतनमान के साथ पदनाम भी दिया जाए।
2 कृषि विभाग में संचालक कृषि के दोनों पदों को विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों से भरा जाए।
3. वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकासखण्ड स्तर का पद होने से वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कैडर को राजपत्रित घोषित किया जाए।
4. ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी (ग्रेड पे-3200/-) कृषि विकास अधिकारी (ग्रेड पे-3600/-) एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी (ग्रेड पे-4200/-) वेतनमान दिया जाए।
5. कृषि विकास अधिकारी से संचालक कृषि स्तर तक के समस्त रिक्त पदों पर वरिष्ठता अनुरूप पदस्थ किया जाए।
6. मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप नव-नियुक्त समस्त परिवीक्षाधीन कृषि अधिकारियों को द्वितीय वर्ष से 100 प्रतिशत वेतन देने पर अमल किया जाए।
7. पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए।