MP News: भोपाल में बदसूरत ट्रैफिक को दुरुस्त करने के लिए तीसरी बार मंथन हुआ। पुलिस कंट्रोल रूम में सरकारी विभागों के रवैये पर सांसद ने हैरानी जताई। नगर निगम अफसरों से कहा कि वो एक सप्ताह के अंदर शहर की प्रमुख सड़कों के अतिक्रमण हटाएं और ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर यहां लेफ्ट टर्न बनाएं।
MP News:भोपाल में बदसूरत ट्रैफिक को दुरुस्त करने के लिए तीसरी बार मंथन हुआ। पुलिस कंट्रोल रूम में सरकारी विभागों के रवैये पर सांसद ने हैरानी जताई। नगर निगम अफसरों से कहा कि वो एक सप्ताह के अंदर शहर की प्रमुख सड़कों के अतिक्रमण हटाएं और ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर यहां लेफ्ट टर्न बनाएं। शहर में ट्रैफिक जाम की सबसे बड़ी वजह लेफ्ट टर्न नहीं होना ही है। बैठक में सांसद आलोक शर्मा ने पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह सहित अफसरों से विचार साझा किए। बैठक में खराब सड़कों की मेंटनेंस संबंधित अधूरी जानकारी लेकर आने पर सांसद ने पीडब्ल्यूडी के अफसरों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने की नसीहत दी। ई रिक्शा को स्कूल वाहन के रूप में इस्तेमाल किए जाने के मामलों में कार्रवाई के निर्देश दिए।
सांसद ने स्कूलों में ई- रिक्शा प्रतिबंधित करने को कहा। उन्होंने कहा छोटे बच्चों को ई रिक्शा में बैठाकर स्कूल भेजना ठीक नहीं है। बैठक में अतिक्रमण और सड़कों से कंडम वाहन हटाने की मुहिम की भी समीक्षा की गई। ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने बताया की बारिश की वजह से दो-तीन दिन अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। इसके बाद से लगातार यह मुहिम जारी है।
शहर के 42 चौराहे हैं, जिनमें लेफ्ट टर्न की समस्या है। इनमें 29 चौराहे पीडब्ल्यूडी और 13 नगर निगम के हैं। दोनों विभाग के अधिकारी मैनिट के यातायात विशेषज्ञ के साथ मिलकर इन सभी चौराहों की रिपोर्ट एस्टीमेट के साथ प्रस्तुत करेंगे।
सड़कों पर बेतरतीब तरीके से लगाए गए बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मर को हटाने के लिए सांसद ने कलेक्टर से कहा कि पिछली बैठक में इसके लिए नई पॉलिसी बनाने पर चर्चा हुई थी। इस पर अधिकारियों ने बताया कि बिजली विभाग की कमेटी बन चुकी है, इसकी एक बैठक भी हो चुकी है। अगली बैठक में बिजली विभाग के एमडी और सक्षम अधिकारियों को भी बैठक में मौजूद रहने को कहा। शर्मा ने कहा कि पॉलिसी ऐसी बने जो कि भविष्य में भी किसी को अपने घर के सामने रोड पर या कॉलोनी में बिजली खंभे लगाना है, ट्रांसफार्मर लगाना है, तो उसके लिए निगम और ट्रैफिक पुलिस की अनुमतियां लेना आवश्यक किया जाए।