
Mango prices fall Due to rejection of Indian consignment (फोटो सोर्स- Patrika.com)
MP News: इस बार आम 7 से 3 फीसदी सस्ता (Mango prices) बिक रहा है। बेहतर उत्पादन और भरपूर आवक की वजह से आम सस्ता मिल रहा है। लगड़ा, दशहरी, चौसा, सफेदा की आवक ज्यादा है जबकि, बादाम और तोतापरी की आवक कम हो गई है। केसर भी नहीं मिल रहा है। व्यापारिक जानकारों के मुताबिक इस बार यूपी और महाराष्ट्र में आम की रिकॉर्ड तोड़ पैदावार हुई है। यूपी के मलीहाबाद, सहारनपुर में दशहरी और लंगड़ा महाराष्ट्र में हाप्स (अल्फांसो) की इस बार बेहतर पैदावार हुई है।
मेहमान के रूप में आया केसर इस साल गुजरात के आम 'केसर' ने ग्राहकों की जेब हल्की की। गुजरात में फसल सीजन में आए आंधी-तूफान ने फसल को कम कर दिया। भोपाल की स्थानीय थोक मंडी में केसर बिकने आया लेकिन जल्द ही आवक बंद हो गई। थोक फल कारोबारी संतोष गुप्ता ने बताया कि केसर को छोड़कर दूसरी वैरायटी के आम गत वर्ष से सस्ते बिके हैं। केसर महंगा बिककर खत्म भी हो गया।
यूएस में इंडियन मैंगो का कंसाइंमेंट रिजेक्ट होने से इस बार आम के निर्यात पर असर देखने को मिला। इससे मप्र, उप्र, गुजरात और साउथ में पैदा होने वाले आम की प्रमुख वैरायटी इंडियन मार्केट में ही ज्यादा बिक रही हैं। पेस्टीसाइड और केमिकल को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाती है। सुविध शाह, निर्यात विशेषज्ञ
आम भी एपिड़ा के माध्यम से विदेश भेजा जाता है।
विदेशों में एमआरएल के तहत देखा जाता है कि फल में कितना पेस्टीसाइड, केमिकल आदि का प्रयोग किया गया है। ज्यादा मात्रा में इनका उपयोग होने पर माल को रिजेक्ट कर दिया जाता है।
डॉ. विजय अग्रवाल, वैज्ञानिक, उद्यानिकी
आम - गत वर्ष - इस वर्ष - आवक
- लगड़ा 35/40 30/32 यूपी
- दशहरी 40/50 35/40 यूपी
- चौसा 60/65 50/60 यूपी
- सफेदा 30/35 25/30 यूपी
- बादाम 100/110 50/60 साउथ
- तोतापरी 40/45 30/35 साउथ
- केसर 50/60 90/100 गुजरात
हापुस : मलाईदार गूदा, रेशा-रहित बनावट और मिठास केसर तेज़ खुशबू और सुनहरे रंग इसकी पहचान। दशहरी : मध्यम मिठास और रसीलेपन के लिए मशहूर। बंगनपल्ली : दक्षिण भारत का बड़ा और रेशा-रहित आम। लंगड़ा: खट्टे-मीठे स्वाद से ग्राहकों की पसंद
Updated on:
27 Jun 2025 03:24 pm
Published on:
27 Jun 2025 03:23 pm
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