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मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जानें मामला

MP BJP Supreme court: बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय और सांसद शंकर लालवानी समेत जनप्रतिनिधियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, 23 साल पहले इनके खिलाफ दर्ज कराया गया था निजी परिवाद... जानें क्या है मामला

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Supreme Court

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MP BJP Supreme court: 23 साल पुराने मामले में बीजेपी (MP BJP) के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) और सांसद शंकर लालवानी (Shankar lalwani) समेत जनप्रतिनिधियों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 23 साल पहले दर्ज किया गया निजी परिवाद केस खारिज कर दिया है। यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के इंदार जिले के पीपल्याहाना तालाब को विकसित करने से जुड़ा था। इस पूरे मामले में नेताओं और सांसद पर अनियमितता के आरोप लगे थे।

यहां पढ़ें पूरा मामला


2001-02 के इस मामले में जब कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के महापौर थे और शंकर लालवानी समेत रमेश मेंदोला, मधु वर्मा और उमाशशि शर्मा महापौर परिषद के सदस्य थे। इन सभी पर आरोप था कि होलकर घराने की कुछ जमीन का अधिग्रहण करके नवरतन बाग को कीमती जमीन दे दी गई। माना गया कि ऐसा करने से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा।

दर्ज कराया गया निजी परिवाद


इस मामले में अधिवक्ता आनंद अग्रवाल ने इन जनप्रतिनिधियों के खिलाफ निजी परिवाद दर्ज कराया गया।

जिला न्यायालय, हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

सबसे पहले ये मामला जिला न्यायालय में चला, इसके बाद हाईकोर्ट पहुंचा। यहां पूर्व महापौर उमाशशि शर्मा के खिलाफ आदेश बरकरार रखा गया।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया परिवाद

इसके बाद परिवादी ने सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि जनप्रतिनिधियों पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी होती है। कोर्ट ने निचली अदालतों के फैसले देखे और परिवाद को सही पाए जाने पर उसे खारिज कर दिया।

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