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एमपी पुलिस की करतूत, घायल की मौत के बाद लावारिस बताकर करवा दिया अंतिम संस्कार

MP Police: मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस का भयावह चेहरा सामने आया, यहां पहले पुलिसकर्मी घायल को निजी अस्पताल लाया, फिर बोला कौन खर्च-वर्च करे फिर उसी की जेब से निकाला पैसा, मौत के बाद लावारिस बताकर करवा दिया अंतिम संस्कार, परिजनों में आक्रोश

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MP Police: पुलिसकर्मी ने पहेल घायल को पहुंचाया निजी अस्पताल, उसकी जेब से ही निकाले पैसे, मौत के बाद लावारिस बताकर करवाया अंतिम संस्कार. (फोटो सोर्स: पत्रिका)

MP Police: पुलिस और निजी व सरकारी अस्पताल का अमानवीय चेहरा सामने आया है। पहले तो घायल व्यक्ति को निजी अस्पताल ले जाया गया, कुछ देर बाद मेडिकल बिल बना तो घायल को वहां से सरकारी अस्पताल भेज दिया, जहां उनकी मौत हो गई। ऐसे में अस्पताल पुलिस चौकी स्टाफ ने उन्हें लावारिस मानकर अंतिम संस्कार भी करवा दिया।

ये है मामला

गुमास्ता नगर निवासी गगन जैन ने बताया, मामा पंकज जैन कोटा से आए थे। वे 25 मई को बाहर टहलने गए, लेकिन देर तक घर नहीं पहुंचे तो उनकी तलाश की गई। रात 11 बजे द्वारकापुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। 28 मई को पता चला कि उनकी मौत हो गई है। इतना ही नहीं, पुलिस ने लावारिस मान उनका अंतिम संस्कार भी करवा दिया है। परिजन में पुलिस की कार्यप्रणाली पर खासा आक्रोश है।

वीडियो में हालत ठीक

भाई पीयूष जैन ने बताया, वीडियो में पंकज घायल जरूर थे, लेकिन हालत ठीक थी। पता चला है कि उन्हें एमवायएच अस्पताल ले जाकर छोड़ दिया। बाद में उनकी मौत हो गई। वीडियो में दिख रहा है कि वे अपनी जानकारी दे रहे हैं। द्वारकापुरी थाने में उनकी गुमशुदगी दर्ज है, उसके बाद भी एमवायएच की पुलिस चौकी के स्टाफ ने लावारिस मान अंतिम संस्कार संस्था से करवा दिया।

परिजनों में आक्रोश

गगन ने बताया कि पुलिस की कार्यप्रणाली बिल्कुल भी ठीक नहीं है। वे अपने मामा का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके। उनकी मौत कैसे हुई, ये भी पता नहीं चल रहा है। मामले की शिकायत की जाएगी।

मांगलिया क्षेत्र में ट्रक ड्राइवर को मिला फोन

गगन ने बताया, मामा पंकज मांगलिया से पहले किसी स्थान पर घायल हुए, उनका एक्सीडेंट हुआ या कुछ और.. इसकी जानकारी नहीं है। उनका फोन ट्रक ड्राइवर को मिला। संपर्क करने पर उसने घटना की जानकारी दी। जब हम मौके पर पहुंचे तो पता चला कि डायल 100 की गाड़ी में तैनात पुलिसकर्मी उन्हें निजी अस्पताल ले गए था। उनका प्राथमिक इलाज कराया गया। इसका वीडियो मौजूद लोगों ने बनाया है। वीडियो में दिख रहा है कि पुलिसकर्मी ने करीब 900 रुपए का बिल बनने पर मामा की जेब से पर्स निकाल कर रुपए निजी अस्पताल को दे दिए और कहने लगा कि इनका खर्चा-पानी कौन झेलेगा। इसके बाद पुलिसकर्मी ने बाकी बचे पैसे और पर्स पंकज की जेब में रख दिए। पुलिसकर्मी वीडियो में पंकज से कहता दिख रहा है कि आपको सरकारी अस्पताल ले चलते हैं।

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