
MP Police New Training now modern and update- Photo- X-MPPA
MP Police New Training Program: एमपी पुलिस को मॉडर्न पुलिसिंग से जोड़ने पीएचक्यू जल्द ही नई ट्रेनिंग व्यवस्थाएं लागू करने जा रहा है। इसमें अब तक अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे पुराने ट्रेनिंग मॉड्यूल को नए दौर के अनुसार तैयार किया गया है। पुलिस बल में शामिल होने वाले नए जवानों को कॉम्बैट फाइटिंग स्किल जैसे मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा, तो तकनीकी रूप से दक्ष बनाने साइबर अपराध नियंत्रण की भी ट्रेनिंग मिलेगी।
लंबे समय बाद विभाग ने अपने पुलिस जवानों की ट्रेनिंग को लेकर गंभीरता दिखाई है। पीएचक्यू की ट्रेनिंग विंग इन नए बदलावों के साथ नई पॉलिसी भी तैयार कर रही है। इसमें सदियों पुराने ट्रेनिंग प्रोग्राम बदल दिए जाएंगे। विभाग के अनुसार यह बदलाव आधुनिक और मजबूत पुलिसिंग की दिशा में बेहद अहम साबित होगा। प्रदेशभर के 8 पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में जून से आने वाले नए बैच के आरक्षक से लेकर डीएसपी तक के अधिकारियों को अब नए प्रोग्राम के अंतर्गत प्रशिक्षिण दिया जाएगा।
ट्रेनर्स की कमी से जूझते प्रदेश के पीटीएस में अब इनकी कमी नहीं होगी। इसके लिए अलग से टीओटी प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इनमें पीटी, परेड, मार्शल ऑर्ट्स के लिए नए प्रशिक्षकों की पूरी फौज ही तैयार की जा रही है। इसकी निगरानी स्वयं एडीजी (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह कर रहे हैं। रीवा पीटीएस में एक ड्रिल इंस्ट्रक्टर डीआइ ट्रेनिंग कराई जा रही है। इसमें 40 ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एडीजी सिंह स्वयं वर्चुअल जुड़कर ट्रेंनिग की स्थिति परखते हैं।
पुलिस में बीते कुछ माह के दौरान व्यापक स्तर पर भर्तियां हुई हैं। नव पुलिसकर्मियों का बैच ट्रेनिंग के लिए तैयार हैं। पुलिस में शामिल होने वाले करीब 3,856 हजार नए प्रशिक्षार्थी अब इसी ट्रेनिंग प्रोग्राम से प्रशिक्षित होंगे। इनमें पीटीएस भौरी में 691, इंदौर में 995, पचमढ़ी में 263, रीवा में 456, सागर में 360, तिगरा में 596, उज्जैन में 225 और उमरिया में 270 शामिल हैं।
इनडोर: प्रशिक्षण में अब डिजास्टर मैनेजमेंट, साइबर सिक्योरिटी को भी शामिल किया है। ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम को बंद कर केवल ऑफलाइन प्रशिक्षण पर ही फोकस किया जाएगा। इसके अलावा सोशल पुलिसिंग पर भी जोर दिया जा रहा है।
आउटडोर: ट्रेनिंग मॉड्यूल में बड़े बदलाव किए हैं। इसमें पीटी, ड्रिल परेड को गंभीरता से लिया है। आठों पीटीएस में बिना हथियार से लड़ाई मार्शल आर्ट्स सिखाए जाएंगे। जैसे सागर में केरल का कलारिया पट्टू तो तिगरा में पं. बंगाल का लाठी केल।
मजबूत पुलिसिंग का आधार प्रशिक्षण है। नए जवानों को यदि सही तरीके से प्रशिक्षित किया जाए तो वे कानून व्यवस्था का सही-सही क्रियान्यवयन करा सकेंगे। इन कार्यक्रमों को नए दौर के अनुसार तैयार किया है, ताकि लोगों को बेहतर पुलिसिंग मिले।
- राजाबाबू सिंह, एडीजी (प्रशिक्षण) भोपाल
Published on:
23 May 2025 10:16 am
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