DIAL-100: अच्छा! तो ऐसे पहुंचेगी हमारे पास पांच मिनट में मदद
प्रदेश सरकार ‘डायल 100 योजना’ मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस एक नवंबर से लागू करेगी’। इस योजना के चालू हो जाने पर प्रदेश में किसी भी स्थान से टोल फ्री 100 नंबर डायल करने पर...
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सुबह आंख खुली तो देखा घर के पीछे वाले कमरे का सामान बिखरा पड़ा है। देखते ही मैं चौंक गया। थोड़ी देर सोचने के बाद भांप गया कि घर में चोरी हुई है। मैंने तुरंत डायल 100 योजना पर कॉल किया, फ़ोन रिसीव होते ही उधर से जवाब आया कि आपके पास पांच मिनट में हमारी गाड़ी पहुंच रही है। और दावे के मुताबिक पांच मिनट बाद पुलिस की गाड़ी हमारे दरवाजे पर खड़ी थी। (काल्पनिक)
भोपाल। जैसा कि दावा किया जा रहा है ‘‘प्रदेश सरकार ‘डायल 100 योजना’ मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस एक नवंबर से लागू करेगी’। इस योजना के चालू हो जाने पर प्रदेश में किसी भी स्थान से टोल फ्री 100 नंबर डायल करने पर पुलिस सेवा और सहायता तत्काल उपलब्ध हो जाएगी। प्रस्तावित ‘डायल 100 योजना’ में शहरों में पांच मिनट और गांवों में तथा राजमार्गों में आधे घंटे के भीतर जीपीएस और जीआईएस प्रणाली से लैस पुलिस वाहन फरियादी की सेवा और मदद के लिए पहुंच जाएगा। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या जो दावे किए जा रहे हैं उन्हें पुलिस पूरा कर पाएगी।
कैसे काम करेगी ये योजना
इस सेवा को देख रहे भोपाल के एडिशनल एसपी अमित सक्सेना 'पत्रिका ऑनलाइन' को बताया कि आपात स्थिति में भी फरियादी या शिकायतकर्ता को थाने जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस योजना के तहत किसी व्यक्ति के 100 नंबर डायल करते ही उसका फोन भोपाल स्थित कंट्रोल रुम में जाएगा। वहां से जीपीएस पर क्विक रिस्पांस सफारी की लोकेशन देख उस जगह के सबसे करीब मौजूद वाहन को संबंधित व्यक्ति के पास भेजा जाएगा। इस काम के लिए 24 घंटे 12,000 पुलिस कर्मचारी ड्यूटी पर रहेंगे। पूरे प्रदेश में 1,000 विशेष वाहन उपलब्ध रहेंगे, जो एक संदेश पर सहायता के लिए तत्काल रवाना हो जाएंगे। एक ही कॉल सेंटर से यह व्यवस्था संचालित होगी और इसका मुख्यालय भोपाल में होगा।
इस योजना का मकसद जिला मुख्यालय में फोन करने के 5 मिनट के भीतर पीड़ित व्यक्ति के पास मदद पहुंचाना है। फिलहाल इन वाहनों को ट्रेनिंग के लिए इन्दौर भेजा गया है, ताकि पुलिस स्टाफ इसकी कार्यप्रणाली से रुबरु हो सके।
एमडीटी से लैस हैं ये हाइटेक वाहन
सफारी के स्टार्म माडल पर बनी इन गाडियों में जो हाइटेक सिस्टम लगे हैं अभी तक पूरे देश में कहीं भी उनका उपयोग नहीं किया गया है। इंदौर डीआईजी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इन सभी वाहनों में एमडीटी यानी मोबाइल डाटा टर्मिनल लगाए गए हैं। संभवतः इस सिस्टम का देश में पहली बार उपयोग किया जा रहा है।
अमेरिकी पुलिस के डायल 911 की तर्ज पर करेगी काम
अमेरिकी पुलिस के डायल 911 की तर्ज पर तैयार हाइटेक सिक्यूरिटी फीचर से लैस इन वाहनों के माध्यम से पुलिस भीड़ पर निगरानी और नियंत्रण तो कर ही सकती है, मौका पड़ने पर किसी भी जगह के फोटो या वीडियो सीधे कंट्रोल रुम मे भेजकर सबूत भी इकट्ठे कर सकती है। इन वाहनों के माध्यम से पुलिस होलकर स्टेडियम और आसपास के चप्पे-चप्पे पर नजर रखेगी।
यह है खासियत
इस छोटी सी डिवाइस की खासियत ये है कि ये नेट से कनेक्टेड एक लैपटॉप या टेब की तरह है। इसमें फोटोग्राफिक और वीडियो कैमरा भी है। इसके माध्यम से सफारी में तैनात स्टाफ किसी भी जगह के फोटो और वीडियो लेकर तुरंत सर्वर पर भेज सकता है। ये फाइल्स जिले के आला अधिकारी अपने मोबाइल या सिस्टम पर भी देख सकते हैं और साथ ही इन्हें भोपाल स्थित सेंट्रल कंट्रोल रुम पर भी देखा जा सकता है। इसके माध्यम से वाहन में तैनात अधिकारी बयान भी ले सकता है और रिपोर्ट भी दर्ज कर सकता है। सभी वाहनों में वायरलेस रेडियो सेट और जीपीएस सिस्टम भी लगाया गया है।
1 नवंबर से शुरू होगी ये योजना
1 नवंबर से लोकार्पित होगी डायल-100 सेवा मध्यप्रदेश पुलिस ने डायल-100 को 15 अगस्त से शुरू करने की कोशिश की थी। लेकिन बाद में तकनीकियों की कमी के चलते इसे लोकार्पित करने की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया। आपको बता दें अब डायल-100 सेवा का उद्घाटन की तिथि 1 नवंबर यानि कि मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के मौके पर रखा गया है।