
MPPSC Result 2024 (फोटो सोर्स : पत्रिका)
MPPSC Result 2024:मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को राज्य सेवा परीक्षा-2024 का फाइनल रिजल्ट 87/13 के फॉर्मूले पर जारी किया गया है। 87 प्रतिशत मुख्य और 13 प्रतिशत प्रावधिक में परिणाम रखा है। 110 में से 96 पदों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की गई। बाकी 13 फीसदी रिजल्ट होल्ड पर है। इस बार महिलाओं की अपेक्षा सफल पुरुषों की संख्या ज्यादा है। टॉप-13 में पांच महिलाएं है। पहला स्थान 953 अंकों के साथ देवांशु शिवहरे ने हासिल किया है। लड़कियों में हर्षिता दवे अव्वल है।
परीक्षा 21 से 26 अक्टूबर तक हुई थी। तीन हजार से ज्यादा उम्मीदवार शामिल हुए। परिणाम(MPPSC Result 2024) पांच मार्च को जारी हुए थे। 18-29 अगस्त के बीच साक्षात्कार हुए। 110 पदों में से 87 फीसदी फॉर्मूले में 102 पद रखे गए थे। 306 उम्मीदवार सफल हुए थे। 13 फीसदी प्रोविजनल रिजल्ट श्रेणी में आठ पद रखे हैं। इसके लिए 33 उम्मीदवार सफल हुए थे। इंटरव्यू के लिए 339 का चयन हुआ था।
श्योपुर जिले के विजयपुर निवासी देवांश शिवहरे गुना जिले में वाणिज्यिक कर निरीक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उनका ये चौथा प्रयास था। दूसरे प्रयास में 2022 की परीक्षा में वाणिज्यिक कर निरीक्षक चुने गए थे। देवांशु के पिता रामकेश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नेत्र चिकित्सा सहायक है। माता पूनम नर्सिंग ऑफिसर है। देवांशु की स्कूली पढ़ाई नवोदय स्कूल रायसेन, कॉलेज की पढ़ाई इंदौर में हुई। एमपीपीएसी की तैयारी रिश्तेदार दीपक के मार्गदर्शन में घर से ही शुरू की।
इंदौर की हर्षिता दवे डिप्टी कलेक्टर बनी हैं। यह दूसरा प्रयास था। हर्षिता के अनुसार ग्रेजुएशन राजनीति विज्ञान और समाज शास्त्र में है और डिबेटर भी हूं तो फायदा मिला। आप कितने घंटे पढ़ते हैं ये मायने नहीं रखता। पढ़ाई में निरंतरता होनी चाहिए। 2025 मेन्स की तैयारी के बीच रिजल्ट आया और सपना पूरा हुआ।
ऋषव अवस्थी देवरी (सागर) के रहने वाले हैं। इंदौर के जीएसीसी से बीए और एमए किया। कोरोना काल के दौरान ही परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। पहली बार में ही मेहनत रंग लाई और डिप्टी कलेक्टर चुने गए। पिता रिटायर्ड होमगार्ड प्लाटून कमांडर हैं और मां गृहिणी हैं।
जबलपुर… 27 वर्षीय हिमांशु सोनी मल्टीपल डिसेबिलिटी से ग्रसित हैं। सहायक संचालक (शिक्षा) हिमांशु के अनुसार 19 अगस्त को हाथ में फ्रैक्चर हो गया। 28 को इंटरव्यू के लिए ट्रेन से इंदौर गया। एंबुलेंस से आयोग पहुंचा। एंबुलेंस में ही इंटरव्यू हुआ।
सतना. दमोह में जन्मीं वर्षों 2017 में मैहर के बाबूपुर में व्याहीं। गर्भवती होने के बावजूद परीक्षा दी। 22 जुलाई 2025 को बेटी जन्मी। 18 अगस्त को बच्ची को गोद में लेकर इंटरव्यू देने गई। तीसरे प्रयास में महिला वर्ग (डीएसपी) में पहली रैंक मिली है।
रैगांव के इटौरा गांव निवासी 26 वर्षीय आशीष चौथे प्रयास में अवीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी बने हैं। पिता उमेश कुमार प्राइवेट नौकरी करने गुजरात चले गए थे। आशीष के पास कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया।
Published on:
13 Sept 2025 08:44 am
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