scriptविशेषज्ञ उठा रहे सवाल-भदभदा से तीन गुना ज्यादा गाद कोलांस नदी के मुहाने पर | municipal Corporation | Patrika News

विशेषज्ञ उठा रहे सवाल-भदभदा से तीन गुना ज्यादा गाद कोलांस नदी के मुहाने पर

locationभोपालPublished: May 02, 2019 01:15:22 am

Submitted by:

Ram kailash napit

अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई नहीं: नगर निगम का तालाब गहरीकरण बना औपचारिकता

news

municipal Corporation

भोपाल. नगर निगम ने बुधवार से भदभदा में तालाब गहरीकरण शुरू किया। विशेषज्ञ इसके स्थान को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि सीहोर नाका से आगे कोलांस नदी, जहां बड़ा तालाब से मिलती है, वहां पर भदभदा से तीन गुना से अधिक गाद है। कोलांस के मुहाने से गाद हट जाए तो कम बारिश में भी तेजी से पानी आएगा।
इग्नू के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक केएस तिवारी का कहना है कि 1963 के सीमांकन में तालाब 31 वर्ग किमी था। तब तीन मीटर गाद थी। अब कोलांस के मुहाने पर 25 फीट तक गाद का अनुमान है। वैज्ञानिक राजेश सक्सेना का कहना है कि अभी फुल टैंक लेवल तक पहुंचने, जितनी बारिश की जरूरत है, संभव है उससे 20 फीसदी कम में तालाब भर जाए।

दो पोकलेन, चार जेसीबी, 78 ट्रक निकाली गाद
गहरीकरण मेें पहले दिन निगम ने दो पोकलेन व चार जेसीबी मशीनों से 78 ट्रक मिट्टी तालाब से निकाली। निगम के झील संरक्षण प्रकोष्ठ प्रभारी संतोष गुप्ता का कहना है कि गाद चार इमली व किलोल नर्सरी भेजी। यदि कोई व्यक्ति मिट्टी खेत में ले जाना चाहता है तो डंपर लगवा दें, उसे भर दिया जाएगा।

तालाब के कैचमेंट में 658 अवैध निर्माण
भोपाल. बड़े तालाब के सर्वे में इस बार गायब मुनारों का आंकड़ा बढ़ गया है। मॉनिटरिंग के अभाव में ऐसी स्थिति बनी है। चिरायु मेडिकल कॉलेज परिसर से चार तो पांच मुनारें भैंसाखेड़ी में नहीं मिलीं। तीन साल पहले जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम के सर्वे में कुल 943 में से 802 मुनारें तलाशी थीं, जबकि 141 का पता नहीं चला था। इस वर्ष नौ और मुनारों का पता नहीं चल सका है। जानकारों के मुताबिक अतिक्रमण की नीयत से मुनारों को गायब किया जा रहा है। मौजूदा सर्वे रिपोर्ट के अनुसार अतिक्रमण के लिए मुनारों को हटाया गया है। कैचमेंट में 658 अतिक्रमण भी मिले हैं।
इसलिए सिकुड़ा ताल
एनजीटी के निर्देश पर तीन साल पहले जिला प्रशासन और नगर निगम की चार टीमों ने बड़े तालाब का सर्वे किया था। इस दौरान 400 से अधिक स्थानों पर अवैध निर्माण मिले थे। इनमें से चंद ही हटाए गए। जानकारों का कहना है कि समय रहते प्रशासन ने सख्त कार्रवाई नहीं की तो तालाब से अतिक्रमण हटाना असंभव हो जाएगा।
अमला चुनाव कार्यों में जुटा है। इस कारण 12 मई के बाद रिपोर्ट भेजी जाएगी। मैंने अभी रिपोर्ट देखी नहीं है।
डॉ. सुदाम खाडे, कलेक्टर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो