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Mutual Fund: 25 से 40 साल के लोग ज्यादा कर रहे इन्वेस्टमेंट, आप भी कर रहे तो ध्यान रखें ये 5 बातें

ग्वालियर। लाइफ स्टाइल को बनाए रखने के लिए मनी मैनेजमेंट जरूरी है। वहीं कोरोना काल में लोगों को पर्सनल फाइनेंस की वैल्यू भी समझ आ चुकी है। मनी मैनेजमेंट में पर्सनल फाइनेंस का खास रोल है, इसलिए सिटी यूथ अलग-अलग स्कीम और प्लान पर फोकस कर रहे हैं।

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Mutual Fund

पर्सनल फाइनेंस के लिए सिटी यूथ शेयर बाजार के साथ ही म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट की पॉलिसी अपना रहे हैं। खासकर युवा वर्ग (25 से 40 वर्ष) इस सेक्टर में ज्यादा पैसा लगा रहे हैं। लॉन्ग टर्म में पैसा लगाकर वे टैक्स की बचत भी कर रहे हैं। शहर के टर्मिनल्स और बैंकों से जानकारी लेने पर सामने आया कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले ऐसे युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। ज्यादातर लोग लंबी अवधि के लिए पैसा लगा रहे हैं और मुनाफा भी कमा रहे हैं।

जाने म्यूचुअल फंड को

म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है। इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे इन्वेस्टमेंट करते हैं। म्यूचुअल फंड द्वारा पैसों को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर इन्वेस्टमेंट किया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसे से बना एक फंड होता है। यहां पर एक फंड मैनेजर होता है, जो फंड को सुरक्षित तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग जगह पर निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड से न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है।

500 रुपए से कर सकते हैं निवेश

बाजार से जुड़े एक्सपर्ट्स के मुताबिक म्यूचुअल फंड में 500 रुपए से भी निवेश शुरू किया जा सकता है। म्यूचुअल फंड निवेशकों से 500-500 रुपए लेकर कंपनी में बड़ा निवेश करती है। बिना पेनकार्ड वाले निवेशक 50,000 रुपए तक नकद या चैक के माध्यम से पैसा जमा कर सकते हैं। बाजार के उतार-चढ़ाव से मुनाफे की संभावना रहती है।

20 से 30 परसेंट सेविंग के लिए

यूथ के मुताबिक वे अपनी सैलरी का 20 से 30 परसेंट तक का हिस्सा सेविंग में इन्वेस्ट करते हैं। इसके लिए उन्होंने जहां कई तरह के प्लांस लिए हैं, वहीं मंथली सेविंग के कॉन्सेप्ट पर भी ध्यान दे रहे हैं।

3 साल के लॉग-इन पीरियड में टैक्स की बचत ज्यादा

नौकरीपेशा देवेंद्र अग्रवाल का कहना है कि शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट सभी को चाहिए। इसलिए ऐसी स्कीम का चुनाव करते हैं। जॉब के अकॉर्डिंग छोटे-छोटे समय के लिए सेविंग प्लांस चुनते हैं, ताकि इनसे इकट्ठा हुई सेविंग को बड़ी सेविंग में लगा सकें। वर्तमान में कई कम्पनीज यूथ ओरिएंटेड शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान जारी कर रहीं हैं। आयुष खंडेलवाल प्रायवेट कंपनी में जॉब करते हैं। उनका कहना है म्यूचुअल फंड में लॉग टर्म में निवेश करता हूं, इसलिए मुनाफे की पूरी उम्मीद रहती है। 3 साल के लॉग-इन पीरियड में टैक्स की बचत ज्यादा होती है।

इन बातों का रखें ध्यान

-इन्वेस्टमेंट का टार्गेट फिक्स हो

-बाजार पर पूरी नजर जरूरी

-फर्स्ट टाइम इन्वेस्टमेंट में इंडेक्ट फंड बेहतर विकल्प हो सकता है

-सिलेक्टेड म्युचुअल फंड का लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस जरूर देखें

-स्कीम का रिकॉर्ड चैक करें

एसआइपी पर भरोसा कर रहे मिलेनियल्स

सीए पंकज शर्मा ने बताया कि युवा म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। हर तीन में दो युवा मिलेनियल म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए सबसे ज्यादा एसआईपी का इस्तेमाल करता है। वहीं 1 मिलेनियल एकमुश्त राशि निवेश करना पसंद करता है। 27 से 42 उम्र के लोग मिलेनियल्स की कैटेगरी में आते हैं।