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नगर निगम परिषद अध्यक्ष- महापौर विवाद: तल्खी ऐसी कि महापौर ने सात माह तक अपनी निधि तय नहीं की, सरकारी आवास भी अब तक नहीं लिया

भोपाल. नगर निगम परिषद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी और महापौर मालती राय के बीच हाल की परिषद बैठक में जो तल्खी सार्वजनिक हुई, उसकी रूपरेखा शहर सरकार गठन और परिषद अध्यक्ष चयन के समय से ही बनने लगी थी। तल्खी की स्थिति ये रही कि महापौर मालती राय ने अगस्त 2022 में पदभार ग्रहण करने से अब तक सरकारी आवास नहीं लिया।

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भोपाल. नगर निगम परिषद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी और महापौर मालती राय के बीच हाल की परिषद बैठक में जो तल्खी सार्वजनिक हुई, उसकी रूपरेखा शहर सरकार गठन और परिषद अध्यक्ष चयन के समय से ही बनने लगी थी। तल्खी की स्थिति ये रही कि महापौर मालती राय ने अगस्त 2022 में पदभार ग्रहण करने से अब तक सरकारी आवास नहीं लिया। अप्रैल 2023 के पहले तक महापौर निधि भी तय नहीं की। यदि महापौर अपनी निधि या आवास लेती तो अध्यक्ष को भी समान सुविधाएं देना होती। अध्यक्ष ने भी परिषद की अब तक हुई सात बैठकों में एक बार भी महापौर या एमआइसी को उनके अनुसार प्रस्ताव पास कराने से लेकर चर्चा करने की छूट नहीं दी। गौरतलब है कि गुरुवार को आयोजित परिषद बैठक में अनुग्रह राशि घोटाला के सवाल पर महापौर को ही जवाब देने के लिए अध्यक्ष ने जोर दिया। महापौर ने जवाब नही दिया तो अध्यक्ष ने बैठक तक स्थगित कर दी थी।

ऐसे बढ़ती गई अध्यक्ष- महापोर की तल्खी
- अक्टूबर 2022 में निगम ने आवास मेला आयोजित किया। इसमें निगम परिषद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी को प्रचार सामग्री पर काफी छोटा स्थान दिया। इसकी पत्रकार वार्ता में भी अंतिम समय में उन्हें बुलाया, इससे नाराज वे मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।
- जनवरी 2023 में आयोजित परिषद बैठक में महापौर के विंड एनर्जी प्लांट के प्रस्ताव पर महापौर को चर्चा करने से रोका। एजेंडे के अनुसार ही चलने की बात कह दी। महापोर समेत एमआइसी व अन्य सदस्य मंजूर थे, लेकिन यहां अध्यक्ष ने पर तमाम सवाल उठाए और प्रोजेक्ट विचार के लिए लौटा दिया।
- अप्रैल 2023 में बावडिय़ों की स्थिति को लेकर बुलाई बैठक से महापोर ने सूर्यवंशी को दूर रखा, इसपर काफी विवाद बना था। यहां बैठक से वार्ड 43 व वार्ड 26 की पार्षद बैठक छोड़कर चली गई थी।
नोट- दो बार हो चुकी है पार्टी स्तर पर शिकायत।

संकल्प पत्र पर पार्टी ने नहीं ली एक भी बैठक
- नगर निगम चुनाव के दौरान भाजपा संगठन की ओर से तीन सदस्यीय समिति बनाकर संकल्प पत्र तैयार कराया गया था। 18 जुलाई को चुनावी परिणामों के साथ ही मालती राय महापौर बनी, लेकिन भाजपा ने संकल्प पत्र पर शहर सरकार से जुड़े पार्टी नेताओं से एक बार भी बैठक लेकर इसपर कार्रवाई की स्थिति जानने की कोशिश नहीं की।

पार्षद बोल....
जब शहर के मुद्दों पर चर्चा न करवा सकें, खुद की पार्टी के पार्षद नाराज हो तो महापौर को इस्तिफा दे देना चाहिए।
- योगेंद्रसिंह चौहान, पार्षद कांग्रेस
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परिषद में जो मैने सवाल उठाए वह पूरे शहर के लिए हैं। मेरे अकेले के वार्ड से इन्हें न जोड़ा जाए। पार्षदों की कोई सुनवाई नहीं है।
- देवेंद्र भार्गव, पार्षद भाजपा
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इनका कहना
लोक महत्व के प्रश्नों का उत्तर केवल महापौर को देना होता है। मैने पांच बाद आसंदी से आग्रह किया, महापौर उत्तर देने से इंकार कर रही थी, इसलिए मैने सदन स्थगित की। बात विवाद की नहीं, हम सभी नियमों से बंधे हुए हैं।
- किशन सूर्यवंशी, अध्यक्ष नगर निगम परिषद
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पूरी एमआइसी हमारी है। विवाद जैसी बात नहीं है। शहर को विकास के पथ पर बढ़ा रहे हैं।
- मालती राय, महापौर
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जोड: बिजली गुल
- सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक- अनुपम हॉस्पिटल, सीआइ हाइट, कोलार थाना व संबंधित क्षेत्र।