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एमपी के 4 विधायकों का अब भी कोई पता नहीं, भाजपा का दावा- हमारे संपर्क में कांग्रेस के 20 विधायक

कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने कांग्रेस विधायकों को अगवा किया है।

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भोपाल

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Pawan Tiwari

Mar 05, 2020

भोपाल. मध्यप्रदेश की राजनीति में सियासी ड्रामा मचा हुआ है। कांग्रेस का आरोप है भाजपा ने विधायकों को बंधक बनाया है। लेकिन इन सब अटकलों के बीच दिग्विजय सिंह की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने दावा किया है कि उनके संपर्क में कांग्रेस के 15 विधायक हैं। वहीं, 4 विधायकों का अभी भी कोई पता नहीं है। कांग्रेस दावा कर रही है कि हमने उन विधायकों से बात की है और वो जल्द ही वापस आएंगे।

इन विधायकों का अभी भी पता नहीं?

बिसाहूलाल सिंह
दिग्विजय सिंह के गुट के हैं। दो दिनों से गायब हैं और कार्यकर्ता तलाश कर रहे हैं। परिवार के अलावा पार्टी नेता भी खोज रहे हैं। बेंगलूरू में होने की आशंका है। हालांकि देर रात तक कुछ स्पष्ट नहीं हो सका।

रघुराज कंसाना
ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के करीबी हैं। सरकार से नाराज चल रहे हैं। दो दिन से मोबाइल बंद आ रहा है। दोस्तों और कांग्रेस नेताओं से भी मुलाकात भी नहीं की। इनके भी बेंगलूरू में होने की आशंका जताई जा रही है। पर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

हरदीप सिंह डंग
दिग्विजय व सिंधिया खेमों में रहे। दो दिन से गायब हैं, फोन बंद है। घर में कहकर निकले थे कि दौरा करने जा रहा हूं। मां और पत्नी दो दिन से तलाश रही हैं। सरकार के खिलाफ नाराजगी जता चुके हैं।

सुरेन्द्र सिंह शेरा
निर्दलीय विधायक हैं। उनका कहना है कि मैं अभी बेंगलूरू में हूं। नाराजगी है लेकिन सरकार के साथ हूं। निजी काम से आया हूं। शेरा इससे पहले भी मंत्री पद को लेकर कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है।








भाजपा का दावा- 15 विधायक संपर्क में
नरोत्तम मिश्रा ने कहा- कांग्रेस के विधायक हमारे संपर्क में हैं। सरकार में वो अपना काम नहीं करवा पा रहे हैं, इससे असंतोष बढ़ता है। विधायक आमलोगों के प्रति जवाबदेह होते हैं। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के 15-20 विधायक हमारे संपर्क में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में जो कुछ भी चल रहा है, वह कांग्रेस की अंदरुनी कलह है। नरोत्तम मिश्रा मध्यप्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। शिवराज सरकार के दौरान कैबिनेट में कद्दावर मंत्री रहे हैं। सरकार के जाने के बाद वह कमलनाथ सरकार के निशाने पर हैं। वह ईटेंडर घोटालों में जांच के दायरे में हैं। माना जाता है कि नरोत्तम मिश्रा बीजेपी के संकटमोचक है। हर परिस्थिति में वह पार्टी के लिए खड़े रहते हैं।