
National Doctors Day 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. डाबर को ‘एक सच्चे सेवाभावी चिकित्सक’ बताते हुए सोशल मीडिया पर उनके साथ तस्वीर साझा की थी। वहीं दूसरी तस्वीर में 95 साल के डॉ. एलसी यशलहा.
National Doctors Day: आज देशभर में नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है। डॉक्टर्स हर हाल में चाहते हैं कि उनका मरीज जल्द स्वस्थ हो, कितनों को मौत के मुंह से वापस ले आते हैं, इसीलिए धरती के भगवान कहलाते हैं। आज मौका है ऐसे ही डॉक्टर्स की बात करने का जिन्होंने अपना सारा जीवन या कहें कि हर एक सांस मरीजों की सेहत सुधारने के नाम कर दी है। ऐसे डॉक्टर्स के बारे में जानने का जिन्होंने सेवा के जज्बे के आगे उम्र को भी मात दे दी। न थकते हैं, न रुकते हैं, हर दिन की सुबह की शुरुआत मरीजों का इलाज करने के साथ होती है, दर्द से कराहते, बीमार मरीजों का चेहरा जब तक मुस्कुराता नहीं देखते इन्हें भी चैन नहीं आता...
महंगे इलाज के दौर में जबलपुर के डॉ. एमसी डाबर ‘जनता के डॉक्टर’ बनकर 20 रुपए में मरीजों का इलाज कर रहे हैं। 80 वर्ष की उम्र में भी उनका क्लीनिक हर दिन समय पर खुलता है। हर दिन 150-200 मरीजों की कतार जुटती है। सादगी, सेवा और समर्पण से भरपूर जीवन के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान भी मिल चुका है।
उनका मानना है कि सेवा ही सच्चा धर्म है। वे जानते हैं कि डॉ. डाबर न केवल शरीर का इलाज करते हैं, बल्कि अपने स्वभाव से मरीजों की आधी पीड़ा कम कर देते हैं। सही मायने में, डॉ. डाबर समाज की उस विरासत का प्रतीक हैं, जहां चिकित्सा एक पेशा नहीं, सेवा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. डाबर को ‘एक सच्चे सेवाभावी चिकित्सक’ बताते हुए सोशल मीडिया पर उनके साथ तस्वीर साझा की थी।
डॉ. डाबर ने अपने कॅरियर की शुरुआत सेना से की थी। 1971 की भारत-पाक युद्ध के दौरान सैनिकों का उपचार किया। रिटायरमेंट लेकर 1972 से जनसेवा में जुटे। तब 2 रुपए फीस से उन्होंने शुरुआत की थी।
अश्विन बक्शी. इंदौर. शहर में ऐसे कई डॉक्टर हैं, जो न उम्र की सीमाएं मानते हैं, न ही देश की। वे मरीजों के दर्द को अपना मानकर सेवा कर रहे हैं। 95 साल के डॉ. एलसी यशलहा ३2 वर्षों से ट्रस्ट संचालित अस्पताल में बिना किसी पारिश्रमिक के उपचार कर रहे हैं। वे ओपीडी की सीढ़ियां नहीं चढ़ पाते, तो ट्रस्ट ने गेट पर ही व्यवस्था कर दी।
वे कहते हैं, ‘एक दिन भी अस्पताल न जाऊं तो बेचैनी होती है।’ तो दूसरी ओर, अमरीका में बसे डॉ. ईश्वरलाल भूता परदेश में रहकर अपने देश के मरीजों की सुविधा के लिए एक करोड़ रुपए से अधिक की चिकित्सा सामग्री एमवाय और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को भेज चुके हैं। वहीं डॉ. अखलेश भार्गव आयुर्वेद के जरिए कैंसर मरीजों को राहत देने के साथ समाज में जागरुकता भी फैला रहे हैं।
आज राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस है। भारत में इसे मशहूर चिकित्सक और पश्चिमी बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर विधानचंद्र रॉय की जयंती-पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के करीब 75 हजार डॉक्टर्स विकसित देशों, अमरीका, इंग्लैंड, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में कार्यरत हैं।
Published on:
01 Jul 2025 12:09 pm
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