
NEET Result 2024: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस (NEET) यूजी- 2024 का परिणाम जारी कर दिया है। 5 मई को राजधानी भोपाल समेत देश भर में NEET की परीक्षा आयोजित की गई थी। इस बार पूरे देश के 706 मेडिकल कॉलेजों की 1 लाख 9 हजार 145 सीटों के लिए ये परीक्षा आयोजित की गई थी। भोपाल से 4000 स्टूडेंट्स ने ये परीक्षा दी थी।
एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार आसान पेपर ने अंडर 700 मार्क्स स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बहुत ज्यादा है। 720 में से 710 अंक के साथ राजधानी भोपाल के सुजीत गौर और हर्ष धाकड़ सिटी टॉपर बने हैं। वहीं 705 अंक हासिल कर अक्षर दुबे भोपाल में दूसरे स्थान पर रहे। बता दें कि भोपाल के शासकीय सुभाष उत्कृष्ट स्कूल के 15 स्टूडेंट्स ने NEET Result 2024 में शानदार प्रदर्शन किया है। वहीं भोपाल में 28 सेंटर्स पर नीट यूजी परीक्षा 2024 (NEET UG Exam 2024) आयोजित की गई थी।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बार पेपर सरल होने से ज्यादातर स्टूडेंट्स की स्कोरिंग अच्छी रही है। लेकिन अब कटआफ भी ऊपर जाने की संभावना है। बताया जा रहा है कि कटऑफ पर इस रिजल्ट का असर ज्यादा दिखेगा, करीब-करीब 60 मार्क्स का अंतर कटऑफ में रहेगा। इस साल मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस, बीडीएस व अन्य पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेने के इच्छुक अभ्यर्थी नीट यूजी रिजल्ट 2024 (Neet UG Result 2024) एनटीए (NTA) की अधिकृत वेबसाइट exams.nta.ac.in पर चेक कर सकते हैं।
नीट में इस बार रिकॉर्ड 67 स्टूडेंट्स ने टॉप किया है। इन सभी की रैंक 1 आई है। इन सभी स्टूडेंट्स को 99.997129 परसेंटाइल मार्क्स मिले हैं।
आपको बता दें कि नीट रिजल्ट 2024 मंगलवार 4 जून की शाम को घोषित किया गया था। इससे एक दिन पहले 3 जून को एनटीए ने नीट फाइनल आंसर-की जारी की थी। एनटीए ने नीट की पहली आंसर-की 29 मई को जारी की थी, जिस पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए 1 जून तक का समय दिया गया था। आपत्तियां मिलन और उन पर विचार करने के बाद फाइनल आंसर-की जारी की गई। फाइनल आंसर-की के आधार पर ही नीट का रिजल्ट 4 जून जारी किया गया।
नाम- हर्ष धाकड़
एआइआर- 489
नीट स्कोर- 710
रायसेन जिले के चंदन पिपलिया गांव के रहने वाले 19 वर्षीय हर्ष धाकड़ नीट की तैयारी के लिए भोपाल में रहते हैं। उनके पिता वीरेंद्र धाकड़ एक किसान हैं और मां शीला धाकड़ एक गृहिणी हैं। उन्होंने बताया कि यह मेरा दूसरा प्रयास है। अपने पहले प्रयास में एक नंबर कम होने के कारण पास नहीं कर पाए थे। इस बार मेरे पेपर गए अच्छे थे, इसलिए मुझे अच्छे नंबर की उम्मीद थी। हर्ष का कहना है कि वह अपने गांव के पहले छात्र हैं, जिन्होंने नीट क्वालिफाई किया है। सेल्फ स्टडी को 14-15 घंटे देता था। जब भी तनाव महसूस होता था तो अपनी मां और शिक्षकों से बात करता था। व्हाट्सएप के अलावा इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल नहीं करता। एम्स में दाखिला लेना चाहता हूं।
नाम- अक्षर दुबे
एआइआर- 868
नीट स्कोर- 705
मेरे माता-पिता डा. मुकुरिता दुबे और डा. आशीष दुबे भी चिकित्सक हैं। उन्हें देखकर मैं भी उन जैसा बनना चाहता था। मैं कोचिंग के अलावा घंटे गिनकर कभी भी पढ़ने नहीं बैठा। जब तक मन करता था पढ़ता रहता था। सुबह 6 बजे उठकर रिवीजन करता था और कई बार रात को 2-3 बजे तक पढ़ता रहता है।
पैरेंट्स को कई बार बोलना पड़ता था कि ब्रेक ले लो, लेकिन मुझे मजा आता था। जब प्रेशर होता था, तब अपने कोचिंग के सर से बात करता था, क्योंकि तनाव तो होता ही है। इसके साथ ही मैंने NCERT की किताबों से भी पढ़ाई की है। एमबीबीएस (MBBS) के बाद PG करना चाहता हूं। प्रवेश के लिए भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज (Gandhi Medical College) मेरी पहली प्राथमिकता है।
नाम- हर्ष कुमार गुप्ता
नीट स्कोर - 702
एआइआर- 1424
एमपी के सीधी जिले के रहने वाले हर्ष ने बताया कि मैं 11वीं से भोपाल में रहकर NEET की तैयारी कर रहा हूं। पहले ही प्रयास में यह सफलता मिली है। NCERT की किताबों से पढ़ाई की। पुराने पेपर का एनालिसिस और माक टेस्ट के माध्मम से मैंने यह अंक हासिल किए हैं। रोजाना कोचिंग में पढ़ाई के अलावा मैं 12 से 13 घंटे पढ़ाई करता था।
मेरा मनना है कि पढ़ाई में रिवीजन और पंक्चुअलिटी जरूरी है। डीमोटिवेट नहीं होना चाहिए और लक्ष्य तय कर लगातार लगन से पढ़ाई करनी चाहिए। मैं हॉस्टल में रहता था, इसलिए पढ़ने का समय और माहौल मिला। मेरे पापा राजेंंद्र कुमार गुप्ता बिजनेसमैन हैं और मां प्रवीण गुप्ता गृहणी हैं। मैं कार्डियो थोरेसिक सर्जन बनना चाहता हूं।
नाम- सुजीत गौर
एआइआर- 492
नीट स्कोर- 710
बैरसिया के भरोवाल गांव के रहने वाले 17 वर्षीय सुजीत का कहना है कि पहली बार में एक नंबर से रह गया था, ये मेरा दूसरा प्रयास था। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं टॉप करूंगा। मेरे पिता ओम प्रकाश एक किसान हैं और मां अयोध्या बाई गृहिणी हैं। परीक्षा के दौरान सेल्फ स्टडी के लिए 12 से 13 घंटे पढ़ता था।
मेरी सफलता का मंत्र है अपने शिक्षकों की आज्ञा का पालन करना। पढ़ाई का तनाव दूर करने के लिए क्रिकेट खेलता था। पहले मैं रैंक के आधार पर जो भी कालेज मिलेगा, वहां से एमबीबीएस करूंगा। फिर एमडी के लिए जा सकता हूं। स्कूली की पढ़ाई माडल स्कूल भोपाल से की है और नीट की तैयारी के लिए भोपाल में रहकर कोचिंग की।
Updated on:
06 Jun 2024 01:34 pm
Published on:
05 Jun 2024 12:10 pm
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