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गैंगरेप से डरी पुलिस: महिला डॉक्टर के साथ हुई छेड़छाड़ को किया नजरअंदाज कर बनाया धमकी का प्रकरण

यहां मुख्यमंत्री तक की नहीं सुनती राजधानी पुलिस, सीएम के फोन के बावजूद पीड़िता का बदल दिया बयान। एफआईआर मिली तब पता चला।

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भोपाल। छेड़छाड़ की शिकार निजी अस्पताल की महिला डॉक्टर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराने पिछले एक माह से पुलिस अफसरों के चक्कर काट रही है। यह हालात तब है, जब खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा को फोन कर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा था। डीआईजी संतोष सिंह ने क्राइम ब्रांच एएसपी रश्मि मिश्रा को जांच के निर्देश दिए थे। एएसपी ने करीब 10 बार पीडि़ता को बयान दर्ज कराने थाना बुलाईं। इसके बाद भी अब तक अपराध नहीं दर्ज हुआ।

साठगांठ कर बदले बयान
28 वर्षीय नीता कुमारी (परिवर्तित नाम) ने 12 सितंबर को महिला थाने में पुलिसकर्मी योगेन्द्र चौहान के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत की थी। जहां महिला थाने में नीता का बयान बदल कर छेड़छाड़ की जगह धमकी का अपराध दर्ज कर उन्हें चलता कर दिया। जब एफआईआर मिली तो पुलिस की आरोपी से मिलीभगत का खुलासा हुआ।

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि एक ओर जहां पिछले दिनों हुए गैंग रेप कांड के बाद अब पुलिस अपने को एक्शन मोड में बता रही है। वहीं शहर में उसकी सक्रियता केवल दिखावा बन कर रह गई है।

इधर, भाजपा नेताओं के बिगड़े सुर...
यूपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा के साथ हुई गैंग रेप की घटना में पुलिस की गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि सत्तापक्ष भाजपा के खेमे से असंवेदनशील बयानबाजी शुरू हो गई है। वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली को आड़े हाथों लिया है। प्रदेश स्तरीय राष्ट्रीय एकता समिति के उपाध्यक्ष रमेश शर्मा ने गैंग रेप केस को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाया है।

शर्मा का कहना है कि भोपाल दुराचार का प्रकरण तो जघन्य है, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई लड़की सहायता के लिए चीखे और कोई सुने ही न। शर्मा की इस टिप्पणी की फेसबुक पर खासी निंदा हो रही है। उधर भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट नरेंद्र पटेल ने फेसबुक पर टिप्पणी की है कि इस तरह की घटनाओं को राजनीतिक चश्मे से हटकर संपूर्ण दृष्टिकोण से देखना चाहिए। कोई भी यह सवाल नहीं उठा रहा कि ऐसे सुनसान रास्तों से नहीं गुजरना चाहिए।

भोपाल गैंगरेप काण्ड के बाद देवास में 12 साल की बच्ची का अर्धनग्न शव मिलने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने सरकार और प्रशासन को आड़े हाथों लिया है। पुलिस भी दुराचार की आशंका जता रही है। उन्होंने ट्वीट किया है कि प्रदेश में बहन-बेटियां बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं। ट्वीट में शिवराज सरकार की जगह शवराज शब्द का उल्लेख किया है। लिखा है 'शर्म करो शिवराजÓ।

बेटियों की सुरक्षा करने में सरकार विफल
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले मुख्यमंत्री शिवराज के राज में बेटी पढ़े कैसे उसकी सुरक्षा कर पाने में तो सरकार असफल है। दुष्कृत्य की शिकार छात्रा को इस हादसे से उबारने और उसकी पढ़ाई का दायित्व सरकार पूरा करे। उसे ऐसे स्थान पर शिक्षा दिलवाएं जहां वह इस हादसे को भूल सके। साथ ही उन्होंने निर्दोष युवक को पकडऩे और जबरन जुर्म कबूल करवाने का दबाव डालने वाले पुलिस कर्मियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने पीडि़त युवक को पांच लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग भी की है।