
कांग्रेस का नया रिकॉर्ड! चुनाव से पहले टेंशन में आए कई दल...
भोपाल। मध्यप्रदेश में इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने एक बड़ा दांव खेला है, जिसके चलते कई पार्टियां टेंशन में आ गईं हैं। चुनावी तैयारियों के चलते भले ही भाजपा भी लगातार कई नए प्रयोग कर रही हो, लेकिन कांग्रेस का इन दिनों कार्य करने का तरीका कुछ जुदा ही है।
दरअसल मध्यप्रदेश कांग्रेस एक नया रिकॉर्ड बनाने की ओर लगातार बढ़ रही है। जिसके चलते अब तक वह दो महीने में करीब सवा लाख से ज़्यादा पदाधिकारी बना चुकी है। कुल मिलाकर चुनाव से 3 महीने पहले कांग्रेस ने एक बड़ी फौज खड़ी कर दी है।
जानकारों का मानना है कि प्रदेश तो क्या, देश में शायद ऐसा पहली बार होगा कि 2 महीने में 1.25 लाख से ज़्यादा पदाधिकारियों की फौज चुनाव से 3 महीने पहले तैयार की गई हो।
वहीं कांग्रेस की इस फौज पर बीजेपी ने चुटकी लेते हुए कहा है कि कांग्रेस ने लिस्ट तो बना दी, लेकिन उसे सार्वजनिक करके ये जांच होनी चाहिए कि उसमें फूलछाप कांग्रेसी कितने हैं। जिसके बाद कांग्रेस भी इन आरोपों पर पलटवार कर रही है।
कांग्रेस मीडिया सेल के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है बीजेपी अपने गिरेबान में झांककर देखे कि कितने पंजाछाप भाजपाई पार्टी में भरे हुए हैं।
राजनीति के जानकारों के मुताबिक इस पूरी कवायत में कांग्रेस कई मोर्चे पर परेशान जरूर हुई है,लेकिन चुनाव में इसका क्या असर होगा देखना दिलचस्प रहेगा।
सामने आ रही जानकारी के अनुसार पिछले 2 महीने में MP में कांग्रेस ने जो किया है, उसे उस पर बड़ा गर्व हो रहा है। बताया जाता है कि पार्टी ने बीते 2 महीनों में करीब सवा लाख से ज़्यादा पदाधिकारियों की फौज तैयार की है। इसमें पीसीसी यानि प्रदेश कांग्रेस कमेटी, डीसीसी यानि ज़िला कांग्रेस कमेटी, ब्लॉक कांग्रेस, उपब्लॉक कांग्रेस, मंडलम, सैक्टर और बूथ तक की कमेटियां तैयार की गई हैं।
वहीं कुछ कमेटियों को छोड़कर सभी कमेटियों का गठन लगभग पूरा कर लिया गया है। हालांकि इस गठन के बाद कई जगह से हो हल्ले की खबरें भी आईं, लेकिन कांग्रेस के मुताबिक ये बड़ा काम था जो पीसीसी चीफ ने कमलनाथ ने शांति से पूरा किया है।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि आरोप प्रत्यारोपों के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि अब पार्टी चुनावों में क्या कमाल दिखा पाती है, वहींपार्टी का दावा है कि एक बहुत बड़ा काम बिना किसी विघ्न के पूरा हो गया है।
वहीं कई जानकारों का यह भी मानना है कि कांग्रेस के इस कार्य के बाद प्रदेश में चुनाव की तैयारी कर रहे कई दल सदमे में आ गए हैं, जिसके चलते वे कई तरह से आरोप प्रत्यारोप के चलते कांग्रेस को कमजोर करना चाह रहे हैं। जबकि कुछ जानकारों का मानना है कि ऐसी भी आशा है कि कुछ ऐसे लोग भी इसमें शामिल हों, जो वास्तव में किसी दूसरी पार्टी से जुड़े हुए हों।
Published on:
17 Aug 2018 01:01 pm
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