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नई स्कूल वैन पॉलिसी पर दो गुटों में बंटे वाहन मालिक, निजी स्कूलों ने झाड़ा पल्ला

परिवहन विभाग का दावा- नियमों का पालन नहीं हुआ तो संस्थाओं पर होगी कार्रवाई

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नई स्कूल वैन पॉलिसी पर दो गुटों में बंटे वाहन मालिक, निजी स्कूलों ने झाड़ा पल्ला

नई स्कूल वैन पॉलिसी पर दो गुटों में बंटे वाहन मालिक, निजी स्कूलों ने झाड़ा पल्ला

भोपाल. प्रदेश सरकार की नई स्कूल वाहन पॉलिसी को लेकर वाहन मालिक दो गुटों में बंट गए हैं। आरटीओ में रजिस्टर्ड स्कूल वैन (मैजिक, मेचिस्मो, आपे) एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवकुमार सोनी के मुताबिक शहर में संचालित तीन हजार वैन में नियमों के तहत उपकरण लगाए जा रहे हैं, जबकि जो वैन बगैर अनुमति चल रही हैं उन्हें एसोसिएशन से बाहर कर दिया गया है। इधर, पुराने वैन मालिकों ने भी अपना संगठन बनाकर अनुमति देने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। संगठन के जिला अध्यक्ष अब्दुल रहमान का कहना है कि पॉलिसी में वाहन का मेक मॉडल नहीं लिखा है, इसलिए बरसों से वे जिस वाहन को चला रहे हैं, उन्हें नियमित कर दिया जाए। पॉलिसी को लेकर निजी स्कूल संचालकों ने भी पल्ला झाड़ते हुए इसे अभिभावक और वाहन मालिकों के बीच का मामला बताने का प्रयास किया है। नई पॉलिसी पर प्रदेश में एक अक्टूबर से अमल शुरू होना है। परिवहन विभाग ने 18 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी कर सभी पक्षों से सुझाव मांगे हैं। परिवहन आयुक्त शैलेंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक पॉलिसी के तहत वैन या बस का संचालन नहीं करने पर वाहनों को जब्त कर संचालकों पर प्रकरण दर्ज करने का प्रावधान किया गया है।

नई पॉलिसी के तहत ये प्रावधान
12 सीटर एवं इससे अधिक क्षमता के वाहनों को ही स्कूल वाहन परमिट जारी किए जा सकेंगे। इससे कम क्षमता के वाहनों को स्कूल बसों की पात्रता नहीं रहेगी।
स्कूल बसों के संचालन के मामले में प्राइवेट स्कूल प्रबंधन सहित अभिभावकों के लिए भी अधिकार एवं कर्तव्य तय किए हैं। स्कूल प्रबंधन अटैच स्कूल बसों के परिचालन के लिए जिम्मेदार रहेंगे।
अभिभावकों को स्कूल बसों की निगरानी के लिए समिति बनाने की जवाबदेही सौंपी जाएगी। समिति बसों के बारे में हर महीने बैठक कर प्रमुख आपत्तियों पर एक रिपोर्ट कलेक्टर एवं आरटीओ को भेजेगी।
मैजिक एवं आपे में पीला रंग लगाकर स्कूल वाहन बनाने के मामलों में साफ किया है कि इनमें 12 बच्चों के बैठने की जगह हो।
निर्माता कंपनी की ओर से तैयार डिजाइन के अलावा यदि कोई मॉडीफिकेशन कराया जाता है तो इसे मान्य नहीं किया जा सकेगा। ट्रैवलर एवं बड़ी बसों में 12 से 32 सीटों का होना अनिवार्य है।
ऑटो रिक्शा में कपड़े या रेगजीन की छत लगाकर स्कूल वाहन नहीं बनाया जा सकेगा।
हेवी व्हीकल लाइसेंस के अलावा पांच साल का अनुभव वाहन चालक के पास होना जरूरी होगा।
दो बार से ज्यादा बार रेड लाइट जंप करने के मामले में परमिट तत्काल निलंबित कर दिया जाएगा।
वाहन चालक की आयु 21 से कम और 60 वर्ष से ज्यादा नहीं
हो सकती।