
New Year 2025 Celebration(photo: freepik)
New Year 2026: फिल्म 'डंकी' आपको याद होगी। टॉफेल में फेल होने पर वीजा न मिलने के बाद लोग डंकी रूट से भारत से अमरीका जाते हैं। ऐसे ही डंकी रूट का इस्तेमाल नशे के तस्कर भी कर रहे हैं। साल 2025 विदाई की दहलीज पर है। लोग नए साल का जश्न मनाने की तैयारी में हैं। इस जश्न को नशे के सौदागर भी बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं। वे ड्रग्स, गांजा, नशीली सिरप की खेप सप्लाई करने की तैयारी में हैं।
इसका खुलासा तब हुआ, जब बुधवार, गुरुवार को मध्यप्रदेश एसटीएफ ने 3 राज्यों में जाल बिछाकर 599 किलो गांजे (1.80 करोड़ की) की खेप पकड़ी। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सीमा से लगे अनूपपुर के जंगलों में कार्रवाई कर ट्रक समेत गांजा के साथ एसटीएफ ने सीधी के अंकित विश्वकर्मा और सतना के धनंजय सिंह पटेल को दबोचा। दोनों ने पूछताछ में बताया कि इतना गांजा नए साल में खपाने के लिए लाया गया था। नशे की कन्साइनमेंट के पकड़ाने के बाद पत्रिका ने नारकोटिक्स विभाग समेत सीमावर्ती जिलों के पुलिस अफसरों से बात की। इसमें साफ हुआ कि मादक पदार्थों को लाने के लिए तस्करों ने तीन रूट तैयार किए हैं।
ड्रग की तस्करी नीमच से तो गांजे की तस्करी ओडिशा से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और फिर अनूपपुर के रास्ते जबलपुर तक पहुंचती है। वहीं, नशीली सिरप के लिए रीवा को ट्रांजिट प्वॉइंट बनाए रखा है। यानी कि नशे की सामग्री पहले एकमुश्त इन इलाकों में भेजी जाती है। फिर वहां से छोटे- छोटे पैडलर अन्य जिलों में सप्लाई करते हैं।
नीमच- मंदसौर- रतलाम- जावरा- इंदौर और भोपाल
- भोपाल से छोटे-छोटे पैडलर ड्रग को स्कूल- कॉलेज, हॉस्टलों व अन्य जगहों पर सप्लाई करते है
-संबलपुर(ओडिशा)-झारसुगुड़ा-रायगढ़- रायपुर- बिलासपुर- अनूपपुर- शहडोल- कटनी- जबलपुर।
-आंध्रप्रदेश से आने वाली नशे की खेप भी जबलपुर- कटनी में डंप हो रही है। मैहर, कटनी और जबलपुर में डंप कर छोटे- छोटे जिलों में खपाया जा रहा है।
प्रयागराज- चाकघाट- हनुमना- रीवा
- रीवा नशीली सिरप का गढ़ बन गया है। यहां यूपी के प्रयागराज से सप्लाई हो रही है।एमपीके रीवा से सिरप सीधी, सिंगरौली, शहडोल सहित पूरे विंध्य में हो रहा है।
Updated on:
27 Dec 2025 11:06 am
Published on:
27 Dec 2025 09:42 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
