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भोपाल भेजी ‘सीक्रेट’ रिपोर्ट, CM और केंद्रीय मंत्री को दिया फेक ‘बाघ प्रिंट गमछा’

MP News: बाग प्रिंट के नाम पर नकली गमछा भेंट किए जाने से बवाल मच गया। शिल्पकारों की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने भोपाल को गोपनीय रिपोर्ट भेजी

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धार

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Akash Dewani

Dec 27, 2025

Fake Bagh Print Gamchas case secret report bhopal CM Mohan Yadav dhar mp news

Fake Bagh Print Gamchas case secret report sent to bhopal (फोटो- bjp madhya pradesh facebook page)

Fake Bagh Print Gamchas case: बाग प्रिंट के नाम पर नकली गुमछा भेंट किए जाने के विवाद में अब जिला प्रशासन ने हथकरघा विभाग भोपाल को गोपनीय रिपोर्ट (secret report) भेज दी है। रिपोर्ट में बाग प्रिंट को लेकर भ्रामकता फैलाने का उल्लेख के संकेत सामने आए है। (MP News)

ये है पूरा मामला

मामला उस कार्यक्रम से जुड़ा है, जिसमें धार जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज के भूमिपूजन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा (Union Health Minister JP Nadda) सहित अन्य अतिथियों को बाग प्रिंट का गुमछा भेंट किया गया था। बाग प्रिंट अपनी विशिष्ट ठप्पा कला और पारंपरिक पहचान के लिए जाना जाता है।शिल्पकारों का आरोप है कि मंच पर अतिथियों को मशीन से बने नकली बाग प्रिंट स्टोल भेंट किए गए, जिससे बाग की पारंपरिक कला और जीआई टैग की गरिमा को ठेस पहुंची है।

शिल्पकार की शिकायत पर मचा था बवाल

स्थानीय कारीगर बिलाल खत्री ने शिकायत दर्ज कराते हुए जीआइ टैग उल्लंघन का आरोप लगाया था। शिकायत पर हथकरघा विभाग के कमिश्नर ने धार कलेक्टर से पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने ताबड़तोड़ कागजी कार्रवाई करते हुए विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर भोपाल भेज दी।

जिम्मेदारों से जानकारी लेकर भेजी रिपोर्ट

प्रभारी कलेक्टर एवं जिपं सीईओ अभिषेक चौधरी ने बताया कि कार्यक्रम में अधिकारियो को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौपी गई थीं। संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों से तथ्यात्मक जानकारी एकत्र करने के बाद रिपोर्ट भेजी गई है। उन्होंने रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार किया।

विभाग ने भ्रामकता फैलाने का आरोप लगाया

उचर, इससे एक दिन पहले जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद (बीएटीसीसी) के नोडल अधिकारी प्रवीण शर्मा ने कहा था कि विभाग द्वारा बाग क्षेत्र में शिल्पकारों के साथ-साथ स्थानीय कारीगरों को रोजगार से जोडने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

आदिवासी समाज के कई महिला-पुरुष नवाचार के साथ व्यवसाय शुरू कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जीआइ टैग किसी व्यक्ति विशेष को नहीं, बल्कि बाग प्रिंट कला के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए दिया गया है। साथ ही कुछ लोगों द्वारा मामले को लेकर भ्रामकता फैलाने का प्रयास किए जाने की बात भी कही। (MP News)