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भोपाल की ऐतिहासिक झील को बचाने NGT सख्त, दिलकश मस्जिद समेत हटाए जाएंगे अन्य अतिक्रमण

NGT Order to Remove Encroachment From Upper Lake: बड़ा तालाब भोपाल की जीवन रेखा, यह है 266 पक्षियों और 700 पौधों का घर, इसे बचाना जरूरी, पर्यावरण और जलस्रोत के लिए NGT का सख्त फैसला...

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NGT Order Issue to remove encroachment from upper lake Bhopal

NGT Order Issue to remove encroachment from upper lake Bhopal(Photo:SocialMedia)

NGT Order To Remove Encroachment From Upper Lake: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पर्यावरण और जलस्रोत संरक्षण को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने बड़ा फैसला सुनाया है। एनजीटी ने बड़ी झील (Upper Lake) के संरक्षण के लिए भदभदा क्षेत्र में बनी खुशदिल मस्जिद समेत अन्य अतिक्रमणों (Upper Lake Encraochment) को हटाने का आदेश जारी कर दिया है।

क्यों आया यह फैसला?

दरअसल बड़ा तालाब भोपाल (बड़ी झील) की जीवनरेखा माना जाता है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में इसके किनारों पर तेजी से अतिक्रमण बढ़ा है। भदभदा क्षेत्र में बनी खुशदिल मस्जिद को भी बड़ी झील के संरक्षण क्षेत्र में बने अतिक्रमण के तौर पर चिह्नित किया गया था।

पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे लोगों ने इस मामले को NGT में उठाया था, जिसके बाद सुनवाई करते हुए अधिकरण ने साफ कहा कि, 'बड़े तालाब से जुड़े हर अतिक्रमण को हटाया जाए, ताकि झील की प्राकृतिक स्थिति और जलग्रहण क्षेत्र सुरक्षित रह सके।'

प्रशासन की जिम्मेदारी तय

--NGT ने भोपालजिला प्रशासन और नगर निगम को आदेश दिया है कि,

--भदभदा क्षेत्र से मस्जिद सहित अन्य अवैध निर्माण हटाए जाएं।

--झील के कैचमेंट एरिया (जलग्रहण क्षेत्र) में भविष्य में कोई नया निर्माण न हो, इसे सुनिश्चित किया जाए।

--तालाब की सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाई जाए।

बड़ी झील की बड़ी अहमियत

11वीं सदी में राजा भोज द्वारा बनवाई गई यह झील आज भी भोपाल की आधी से ज्यादा आबादी को पेयजल उपलब्ध कराती है। इसे रामसर साइट (अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि) का दर्जा भी मिला हुआ है। यह स्थल 266 पक्षियों और 700 पौधों का घर है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर झील पर अतिक्रमण और गंदगी बढ़ती रही तो, आने वाले वर्षों में इसका अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

आगे क्या?

NGT के इस आदेश के बाद अब जिला प्रशासन और नगर निगम पर जिम्मेदारी आ गई है कि वह कानूनी और शांतिपूर्ण तरीके से कार्रवाई करे। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि आदेश का क्रियान्वयन किस गति से होता है और बड़ी झील को अतिक्रमण से मुक्त करने का कितना असर दिखाई देता है।