
भोपाल. नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने प्रदेश के नौ नगरीय निकायों को ठेकेदारों से 20.76 लाख रुपए वसूल करने के निर्देश दिए हैं। इन निकायों ने ठेकेदारों से यूआइडीएसएसएमटी परियोजना के संचालन में अनुबंधों के अनुसार राशि नहीं वसूल की थी।
वहीं, विभाग ने सभी निकायों को विभिन्न योजनाओं के अनुबंधों के अनुसार ठेकेदारों से राशि वसूलने और राशि प्रबंधन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
नगरीय निकायों में केन्द्र और राज्य के विभिन्न परियोजनाएं विशेषकर पेयजल, सीवरेज सहित अन्य अधोसंरचना परियोजनाएं जैसे यूआइडीएसएसएमटी, अमृत, मुख्यमंत्री पेयजल एवं अधोसंरचनाएं चल रही हैं।
इनके संचालन के प्रावधानों का निकाय ठीक से पालन नहीं कर रहे हैं। हाल ही में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने निकायों में चल रही यूआइडीएसएसएमटी परियोजना के वित्तीय प्रबंधन का ऑडिट किया था, जिसमें कई कमियां पाई गई हैं।
ऑडिट में पाया गया कि ठेकेदारों को भुगतान की जाने वाली राशि में से एक्साइज ड्यूटी पर मिलने वाली छूट की राशि काटकर ठेकेदारों को भुगतान किया गया है। ठेकेदारों की बैंक गारंटी का नवीनीकरण भी नहीं किया गया।
अनुबंध के प्रावधान के अनुसार बीमा नहीं कराया गया। परियोजना क्रियान्वयन के दौरान उसमें बदलाव की स्वीकृत अधिकारियों से नहीं ली। ठेकेदारों ने अनुबंध के अनुरूप कार्य नहीं किया। इसके बावजूद जिम्मेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
निकायों को ये दिए निर्देश
नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिए हैं कि एक्साइज ड्यूटी पर प्राप्त राशि की कटौती कर ठेकेदारों को भुगतान किया जाए। ठेेकेदारों द्वारा दी गई बैंक गारंटी का निर्धारित समय पर नवीनीकरण किया जाए।
अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाए। हर परियोजना के बैंक खातों का विवरण तथा उसमें अर्जित होने वाले ब्याज का विवरण तैयार किया जाए। अगर किसी ठेकेदार ने समय और प्रावधान के अनुसार काम नहीं किया है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
इन निकायों में वसूली
नगरीय निकायों को कटनी में 1.19, रतलाम में 11.43, शुजालपुर 0.96, ब्यावरा में 0.08 , शाजापुर में 0.35, बल्देवगढ़ में 2.29, मल्हारगढ़ में 0.76, पिपल्यामंडी में 3.36 सनावद में 0.34 लाख रुपए ठेकेदारों से वसूल करना है।
Published on:
25 Apr 2018 09:00 am
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