23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चार इमली में बिल्डरों की नो एंट्री, नए सिरे से बनेगा रीडेंसीफिकेशन का प्रस्ताव

- निजी एजेंसी को चार इमली से कहीं दूसरी जगह मिल सकता भवन निर्माण के बदले भू-खंड- साधिकार समिति ने एफएआर स्थिर रखने दिया सुझाव, नए प्रस्ताव पर पहले राजस्व विभाग की लेनी होगी स्वीकृति

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Ashok Gautam

Feb 03, 2022

sopan.jpg

भोपाल। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली साधिकार समिति ने राजधानी की वीवीआईपी एरिया चार इमली में रीडेंसीफिकेशन के प्रस्ताव को टाल दिया है। इसके लिए आवास विभाग को नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है, जिसमें यहां के एफएआर को वर्तमान स्थिति 0.75 में रखा जाएगा। वहीं आवास भी 206 से ज्यादा बनाए जाएंगे। साधिकारी समिति की बैठक गुरूवार को मंत्रालय में हुई, जिसमें करीब एक दर्जन अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है।

चार इमली में रीडेंसीफिकेशन के प्रस्ताव को नए सिरे से तैयार करने के बाद इसे राजस्व विभाग से स्वीकृति लेना होगा, इसके बाद ही इस प्रस्ताव को साधिकार समिति में रखा जाएगा। रीडेंसीफिकेशन के बदले में जो निजी कंपनी आवास बनाएगी, उसे आवास बनाने की लागत राशि की भूमि चार इमली के बाहर भी दी जा सकेगी।
मप्र हाउसिंग बोर्ड रीडेंसीफिकेशन के प्रस्ताव को 6 माह के अंदर फिर से साधिकार समिति के पास रखेगा, समिति की स्वीकृति के बाद ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। इसमें तीन मॉडल हो सकते है, एक माडल कम हाईराइज, यानी की 6 मंजिला से कम ऊचे आवास होंगे। अधिकांश आवास सिंंगल स्टोरी होंगे और डेंसिटी जितनी है उतनी ही रखी जाएगी। निजी कंपनी को भी इसी शर्तों पर यहां भूखंड दिया जाएगा कि वह कम ऊंची इमारत बनाए। तीसरा मॉडल के तहत निजी कंपनी शासकीय आवास चार इमली में बनाएगी और जमीन उसे 6 नम्बर, 11 सौ क्वाटर अथवा शहर के अन्य स्थानों पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। जमीन उपलब्ध कराने का काम कलेक्टर करेगा।


ये था प्रस्ताव
चार इमली में 9 हेक्टेयर में कॉलोनी डेवलप होना है। यहां अधिकारियों के लिए 206 आवास बनाने का काम डेवलपर है। इसके बदले में अरेरा कालोनी में ही 3 हेक्टेयर निर्माण एजेंसी को देने का निर्णय था। डेवलपर अपने हिस्से के भूखंड में मल्टी स्टोरी, डुप्लेक्स और भूखंड बेच कर लागत राशि वसूल कर सकेगा। डेवलपर को दी जाने वाली तीन एकड भूमि की आपसेट प्राइज 144 करोड़ रखी गई है, जिसमें 206 भवन बनाने की लागत 108 करोड़ अनुमानित है।

वन विभाग के लिए बनना है 72 आवास
इस परिसर में 72 आवास वन विभाग के लिए बनाए जाएंगे। ये पूरे आवास ई टाइप के होंगे। प्रस्तावित भूमि के हिस्से में फारेस्ट कालोनी का कुछ हिस्सा भी आ रहा है। पूरा 6 हेक्टेयर का कैंपस कवर्ड होगा।

ये बनाए जाएंगे आवास टाइप और कारपेट एरिया- ये आवास डेब्लपर सरकार को बनाकर देगा।
- सी टाइप के 26 आवास --2360 स्वायर फिट
- डी टाइप के 60 आवास ---2200 स्वायर फिट
- ई टाइप के 48 आवास --2000 स्वायर फिट

फारेस्ट के लिए
- सी टाइप के 72 आवास ---2000 स्वायर फिट
----
टूटेंगे 175 सरकारी आवास
जिस जगह पर ये प्रोजेक्ट लांच किया जा रहा है वहां मौजूदा समय पर करीब-करीब 175 आवास हैं। इसमें से सामान्य प्रशासन विभाग के 56 आवास हैं और वन विभाग के 122 आवास हैं। इन आवासों को तोडऩे का काम भी डेवलपर के जरिए किया जाएगा।